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My experience with sexual assault

मैं करीब चौथी-पाँचवी कक्षा में थी।हमारा परिवार बड़ा था।बड़े आँगन वाला जिसमें कई चाचा और भाई रहते हैं। एक शाम जब अपने रिश्तेदारों के साथ बैठ कर टीवी देख रही थी तो मेरे ऊपर मुझे एक हाथ महसूस हुआ। वह स्पर्श इतना घिनौना था कि शायद मैं उसे कभी शब्दों में समझा ही ना पाऊँ।मेरे भाई-बहन और चाची मेरे बिल्कुल आगे बैठी हुई थी और मैं सबसे पीछे।वो देख भी नहीं पाये कि मेरे साथ क्या हो रहा था और मेरे गले से आवाज निकलना तो दूर, मेरी साँस तक रुक गयी थी।उसके बाद जो दौर शुरू हुआ वह कई दिनों का था और उसकी वजह से पड़ा मानसिक असर, सालों का।

Child sex abuse का सामना मुझे इसलिए नहीं करना पड़ा क्यूकी मैं एक लड़की थी, यह लड़को के लिए भी उतनी ही बड़ी समस्या हैं। हम समाज को इनसे बचने के लिए जागरूक तो करतें हैं पर यह बताने से चूक जातें हैं कि जिंदगी को वापस पटरी पर कैसे लाया जाये? सच्चाई यह है कि ज्यादातर को मालूम भी नहीं हैं। और सही तरीके से डील नहीं करने की वजह से इसका असर ज्यादातर पीड़ितो के व्यक्तित्व पर पूरी जिंदगी रहता हैं।अगर आप आज तक इसके असर से नहीं निकले हो तो कुछ बातों पर ध्यान दें -

1. यौन शोषण का एक बहुत बड़ा असर होता हैं- अपने शरीर से नफरत करने लगना।मुझे याद हैं मैंने घण्टों नहाना शुरू कर दिया था।मेरे परिवार को लगता था कि मुझे साफ-सफाई से obsession हो गया हैं।वो मुझे इस चीज के लिए समझाते थे और कई बार डाँट भी देते थे पर उन्हें समझ नहीं आता था कि मैं अपने शरीर के साथ बहुत uncomfortable हो चुकी थी।इस घटना की मानसिक पीड़ा इतनी ज्यादा होती है कि बहुत से बच्चे इस मानसिक पीड़ा से ध्यान हटाने के लिए खुद को शारीरिक पीड़ा देना शुरू करते हैं।कई मामले मैं जानती हूँ जहाँ बच्चे अपने हाथ-पैरों पर ब्लेड चला लेते है, खुद को माचिस से दागते हैं। अगर आप अपने शरीर से नफरत करते है तो दिमाग में इस बात को बैठाने की कोशिश करें कि यह नफरत पूरी तरह illogical हैं।ना तो यह शरीर गन्दा है ना आप अपवित्र। इस शरीर को अपनाना और इस से प्यार करना आपको सिखना ही पड़ेगा। You don't have any other option.

2. लोगों में एक बहुत बड़ी गलतफहमी है कि बच्चे माता-पिता को इसीलिये नहीं बताते क्यूकी हमारे समाज में सेक्स ढका- छुपा विषय है या हम खुले विचार के नहीं हैं।झूठी बात है यह।मेरी परवरिश कभी भी पारम्परिक भारतीय तरीके से हुई ही नहीं।मेरे घर में हमेशा से ऐसा माहौल रहा कि मैं इन विषयों पर खुल कर बात कर सकती हूँ और करती भी हूँ।मैं पापा से अपने पीरियड डिस्कस कर लेती थी पर यह घटना बताने में मूझे छह साल का समय लगा।यह है ही इतनी सेंसिटिव बात।अगर आप इस गिल्ट में हैं कि उस वक्त आप विरोध नहीं कर पाये या आप अपने पैरेंट्स को बता कर बच सकते थे, तो यकीन मानिये यह आपकी गलती नहीं थी।आप उस अनुभव से गुजरने के वापस खुद को खड़ा करने की कोशिश कर रहें हैं यह साबित करता है कि आप बहादुर हैं।बहुत से बच्चे झेल ही नहीं पाते और समाज को लगता है कि पढ़ाई के दबाव में या प्यार में धोका खा कर बच्चे ने जान दे दिया।उन्हें कभी नहीं पता चलता कि वह जिंदगी से इसीलिये हारा क्यूकी वह रात भर डर से सो नहीं पाता था और दिन में उसे कभी किसी ने बताया ही नहीं कि वह इस भयानक जिंदगी को बदल सकता हैं।

3.अगर मेरा यह पोस्ट कोई ऐसा बच्चा पढ़ रहा है जिसके साथ ऐसा कुछ हो रहा है तो मैं कहूँगी आपका अपराधी उतना डरावना नहीं है जितना वह खुद को दिखाता है।I know उसने आपको जान मारने से लेकर तमाम धमकी दी होगी, मुझे भी दी थी।मैं अपने पैरेंट्स से बात भी करने जाती थी तो वो गुस्से में घूरता हुआ वहाँ खड़ा होता और मैं शुरुआत के कई दिनों तक एक शब्द बोलने की हिम्मत नहीं कर पायी थी।पर फिर मैं चिल्लाई और विरोध किया।अगर आप चाहते हैं कि आपके साथ जो हो रहा है वो बन्द हो तो आपको चिल्लाना पड़ेगा पूरी ताकत से।सामने वाला इंसान बहुत डरपोक है और अगर आपने उसे यह जता दिया कि आप अब आर-पार की लड़ाई करेंगे, आप सबको बताएंगे, तो वह तुरन्त पीछे हटेगा। Don't make d mistakes I did, अपने पैरेंट्स को बताये, दोस्तों को बताना शुरू करें, टीचर्स को बताये, हर उस इंसान को बताये जो आपकी थोड़ी भी मदद कर सकता हैं।मुझे मालूम है ऐसी घटनाये समाज से बच्चे का भरोसा पूरी तरह हिला देती है, पर यकीन माने- मदद मिलेगी अगर आप मदद मांगेगे।

4.पुरुष हो या स्त्री इन घटनाओं का असर सालों बाद तक रहता हैं।एक बहुत बड़ा डर होता है कि कल को हमारे पार्टनर को पता चला तो उसका रिएक्शन क्या होगा?
A.पुरुषों को बताने में डर लगता है क्यूकी कहीं ना कहीं यह बात उनकी मर्दानगी को ठेस पहुंचा रही होती हैं।कई बार इस inferiority complex की वजह से खुद को साबित करने के चक्कर में ये पुरुष और ज्यादा aggressive व्यवहार दिखाने लगते हैं।In fact यौन शोषण में बहुत से अपराधी ऐसे होते है जो बचपन में खुद भी पीड़ित रहें हैं। आपकी मर्दानगी का इस बात से कोई लेना-देना नहीं हैं।अपने यौन शोषण को कभी भी गलत तरीके से डील करने की कोशिश ना करें।
B.महिलाओं में एक बहुत बड़ा डर होता है कि उनको समाज नहीं अपनायेगा,शादी नहीं होगी, या बॉयफ्रेंड छोड़ कर भाग जायेगा।इस बात में बहुत कम सच्चाई हैं और दुःखद है कि इसका ढिंढोरा कई so-called नारीवादी कमीने ज्यादा पिटते हैं।वो ऐसा दिखायाएंगे की समाज पीड़ितो के गर्दन के पीछे ही पड़ा रहता हैं।अगर आप सिर ऊँचा करके चलना जानती है तो समाज आपको मजबूर नहीं करेगा निचे देखने के लिए।We are not in Afganistan.अपने अनुभव से साफ बता सकती हूँ गाँव हो या शहर मुझे ऐसे बहुत से लोग मिले है जो कभी मुझे मेरे अतीत की वजह से गलत नहीं मानते।
And moreover थोडा चौड़ में जीना सिखे,"जो जज करेगा, वह उस लायक भी है कि आप उससे सीधे मुहँ बात करें??रिश्ता तो दूर की बात हैं।"

5.अगर अभी भी आपको कोई मानसिक समस्या आ रही है(eg. many times victims are scared of sex or even touch) तो बेझिझक किसी मनोवैज्ञानिक से मिले।इसमें शर्म वाली कोई बात ही नहीं हैं।मदद मांगने का मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि आप abnormal हैं या कमजोर हैं।यहाँ मैं आपको सावधान कर दूँ कि जरूरी नहीं है कि आपका अनुभव अच्छा होगा।हो सकता है कि वो आपकी समस्या सुनने के बजाय आपको antidepressant और नींद की गोली थमा कर भगाने की कोशिश करें।जब मैंने एक काउंसलर से पहली बार बात किया तो उसका पहला वाक्य था,"कही ऐसा तो नहीं कि तुमने पढ़ाई से बचने के लिए अपने दिमाग में इस चीज की कल्पना की हो?" मेरे दिमाग का पहला विचार था कि अब सैंडल उतारो और इस औरत को हॉस्पिटल में घसीट कर मारना शुरू करों।खैर, हर क्षेत्र कि तरह यहाँ भी गधे भरे पड़े हैं तो हो सकता हैं कि आपको अच्छा काउंसलर ढूंढने में थोडा समय लगें लेकिन इसकी वजह से हार ना माने। A good counselor is a life changing machine for you.

6.आप अगर अपने अपराधी से क़ानूनी लड़ाई लड़ पाते हैं तो बहुत अच्छी बात हैं।आपको हजारों सलाम।
पर ज्यादातर विक्टिम नहीं लड़ पाते क्यूकी एक तो उनकी उम्र बहुत कम होती हैं या जब अपराधी करीबी हो तो परिवार कानून तक नहीं पहुंचाना चाहता।आपको जिंदगी में ऐसे कई दोगले लोग मिलेंगे जो आपको ब्लेम करेंगे कि आप अब बड़े होने के बाद FIR क्यू नहीं कर रहें? इनमें से ज्यादातर ऐसे लोग हैं जो अपने क्षेत्र के विधायक को नहीं पहचानते होंगे,आजतक एक RTI फाइल नहीं की होगी,लड़ने के बजाय घुस देकर सरकारी ऑफिस में काम निबटा आयेंगे लेकिन आपसे उम्मीद करेंगे कि आप बहादुरी दिखाएं।ऐसे हवा पहलवानों को दूर से ही हाँक दीजिये।इन्हें एक बहुत बेसिक सी बात नहीं समझ आती कि child sexual assault बहुत अलग होता हैं adult sexual assault से।अपराध एक ही तरह का है पर असर बहुत अलग।बचपन की चीजों का असर बहुत लम्बा होता है क्यूकी उस वक्त हमारा व्यक्तिव विकसित हो रहा होता हैं।हम उस चीज को भूल कर आगे निकलना चाहते है और ज्यादातर मामलों में सम्भव नहीं होता कि हम अपनी जिंदगी भविष्य या करियर से हटा कर कोर्ट-कचहरी के चक्कर में लगाये।

7. लोगों की एक समस्या होती हैं ऐसे मामलों में छाती पीट कर पीड़ितों के सामने साबित करने की कि वे दुनिया के सबसे सेंसिटिव लोग हैं।एक कड़वी सच्चाई बता देती हूँ - अगर आप इन लोगों के चक्कर में पड़े तो जिंदगी में कभी खुश नहीं रह पाएंगे।या तो आप sympathy ही लेते रह जायेंगे उम्र भर या ऐसे बन जायेंगे कि आपसे ज्यादा emotionally strong और कोई नहीं होगा। Choice is totally yours. पर दोनों में से कोई एक ही रास्ता अपना सकतें है आप।अगर दूसरे नम्बर का व्यक्तित्व चाहिए तो खुद को दया का पात्र समझना बन्द करें।आपके साथ बहुत बुरा हुआ पर दुनिया में बहुतों के साथ बहुत बुरा हुआ।Look at them and stand strong. Don't be with the sympathizers but be with the fighters..यह बात अगर मैं अपना पूरा इतिहास बताये बिना किसी को समझाने की कोशिश करती हूँ तो कुछ बेवकूफ लोग हमेशा समझाने आते हैं,"आपको जिंदगी आसान लगती है क्यूकी आपकी किस्मत अच्छी रही हैं।"
"नहीं मुझे जिंदगी आसान लगती नहीं हैं, पर उसे आसान बनाना सीखती हूँ मैं।" कई औरतें मुझे ऐसी मिली हैं( especially on FB) जिनका साफ मानना हैं कि किसी के साथ ऐसा हुआ हैं तो उसे नकारात्मक होना ही चाहिए समाज के प्रति।ये लोग पूरी तरह लूजर एटिट्यूड वाले लोग हैं जो सिर्फ आपको जिंदगी भर रोना सिखाएंगे।
अगर खुद को पीड़ित के स्टेट्स से ऊपर नहीं मानेंगे तो कभी खुल कर जी नहीं पाएंगे।जिनको अपनी तकदीर लिखना नहीं आता बस वहीं किस्मत को कोसतें है वरना बलात्कार भी ऐसी चीज कतई नहीं हैं जो जिंदगी बर्बाद कर दे।

8. आप पीड़ित हैं और एक टूटे हुए इंसान हैं तो जो बात मैं अभी कह रहीं हूँ 99.99% चांस है कि आपको गुस्सा दिलाएगा। आप मुझे गालियाँ देना चाहेंगे और शायद थप्पड़ मारना भी। आपको उस अपराधी को एक चीज देनी पड़ेगी जिंदगी में आगे बढ़ने के पहले -माफ़ी। भले ही आप उससे क़ानूनी लड़ाई लड़ते रहें और उसे सजा दिलवायें पर जिंदगी के किसी मोड़ पर जाकर उसे माफ़ करने की कोशिश करें।एक सच्चाई बताती हूँ- वह इंसान आपकी माफ़ी डिजर्व नहीं करता।वह आपके सामने खड़ा होने लायक भी नहीं हैं।पर माफ़ करना इसलिये जरूरी हैं क्यूकी अगर आप उसके लिए grudge पाल कर रहेंगे तो अतीत को कभी भुला नहीं पाएंगे।बहुत हिम्मत का काम हैं यह।जरूरी नहीं हैं कि यह काम आप आज करें। Maybe after few weeks,months or years..Take your time but ultimately let go of that person for forever..यह सिर्फ मेरा खुद का अनुभव नहीं हैं, जो लोगों इस त्रासदी के बाद भी बिना अतीत का कोई दुष्प्रभाव लिए अपनी जिंदगी ख़ुशी से जी पा रहें हैं उन्हें अपने अंदर के नफरत को मारकर एक नयी शुरुआत करनी पड़ती हैं। वरना उस इंसान ने हमें शायद एक महीने सताया हो पर उसका दुःख हम पूरी जिंदगी ढोते हैं।
Get out of the terrible past and have a beautiful future which you deserve..

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