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२०१९ और Alinsky का चौथा नियम

अपने शत्रु को उसके नियम पालने पर बाध्य करें ।
यह कभी नहीं हो सकता, कोई भी इसमें धराशायी हो जाता है । वैसे पति और पिताओं को यह अनुभव हमेशा होता है जब पत्नी या बच्चे याद दिलाते हैं अधूरे वादों की। अब उनका प्रेम और समझदारी होती है कि वे आप को सरेआम बेइज्जत नहीं करते । लेकिन आप के राजनैतिक विरोधी से आप ये अपेक्षा नहीं कर सकेंगे ।

अब भाजपा को - याद रहे, भाजपा लिख रहा हूँ, मोदी जी नहीं लिख रहा - इन दो सालों में काम कर दिखाना होगा । और बेहतर यह होगा कि भाजपा समझ ले वोट वाकई किसलिए मिला है । आप ग्राहक को कह सकते हैं कि आप ने जो एग्रीमेंट साइन किया है उसपर देखिये क्या लिखा है, हमने ऐसा तो कहीं भी नहीं कहा, आप ने क्या सुना पता नहीं । भाई, इतना समझ लीजिये कि 2019 में अग्रीमेंट का नवीकरण होना है ।

भेड़ - भेड़ियों की कहानियाँ अक्सर सुनाते रहता हूँ, आप को याद होगा । भेड़ें असहाय होती हैं भेड़िया के सामने, हालांकि धीर जुटाये और चार पाँच मिलकर भेड़ियों को टक्कर मारे तो भेड़ियों का काम तमाम हो सकता है । लेकिन ऐसा नहीं होता एक भेड़िया भी लगातार भेड़ों को मारते जाता है और 30 भेड़ें तक मार देता है, बाकी सब देखती रहती हैं, बाकायदा अपनी बारी आने का इंतजार करती हैं । विडियो है ।

अब मान लीजिये ऐसे भेड़ों के सींग भी क़तर दिये जाएँ ताकि वे कुछ कर ही न सकें । याने अगर कुछ हैं भी जो कुछ जिगर रखती हैं उन्हें चरवाहा बिलकुल निरीह कर देता है ताकि वे चरवाहे पर ही आश्रित रहे । भाई, चरवाहे बदलते रहते हैं, कल और कोई सायकल चलाते आए जो भेड़िये पालनेवाले हो, भेड़ें क्या करें ?

जाहिर सी बात है, सरकार हर प्रसंग पर रक्षण मुहैया नहीं कर सकती । सरकार रिसपोन्स दे उसके पहले ही काफी कुछ नुकसान किया जा सकता है । लेकिन जहां समाज का प्रश्न है और हालात गंभीर हैं वहाँ समाज को आत्मरक्षा से वंचित न किया जाये । यह भी ख्याल रहे कि भारत की भूमि का दुबारा बटवारा न होने पाये इसके लिए जिन राज्यों में अन्य पक्ष की सरकार है वहाँ IPS अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश हों, वे भले ही राज्य सरकार से निर्देशित हों, केंद्र सरकार की अवज्ञा नहीं कर सकते तथा उनसे कैसे काम लेना होता है यह सरकार को देखना होगा। भूमि खोना गंवारा नहीं होगा । भाजपा को काम करना होगा, वोट मोदी जी को मिलता है इसका मतलब सांसद विधायक मंत्री उनको scapegoat करेंगे तो यह ठीक नहीं होगा ।

रोष अकारण नहीं । जिस तरह से बातें हो रही हैं, उनके बावजूद मोदी जी को वोट दिया गया है । फकीर है, राज्य का लोभी नहीं, और इसीपर जनता सत्ता न्योछावर करती है । और यह भी दिखाई दे रहा है कि वे जो भी कर रहे हैं, शायद सहकर्मियों के बावजूद कर पा रहे हैं ।

अगर उनकी विजन पर कदम से कदम कंधे से कंधा मिलाकर न चली भाजपा तो जय श्री राम की जगह राम नाम सत्य भी हो सकता है । तीन साल होने को हैं, और कई मुद्दों पर अस्वस्थता है, असंतोष भी है । सब मुद्दे क्या अकेले मोदी जी ही हैंडल करेंगे ?

वैसे ध्रुवीकरण की अपनी मांगें हैं और समाज को आत्मरक्षा के लिए सक्षम होने देना आवश्यकता है । अगर आप यह इतना महंगा करेंगे कि बात पहुँच के बाहर हो, तो असुरक्षित समाज कुछ प्रतिक्रिया तो देगा । यह और भी खराब बात हो सकती है।

खैर, आप सोच रहे होंगे Alinsky के चौथे नियम का यहाँ क्या ताल्लुक ? आप को भाजपा की वो ब्लॅक अँड व्हाइट ऍड कैम्पेन याद है ? वही, “जनता माफ नहीं करेगी" वाली ! भरोसा रखिए, यही कैम्पेन आप के विरोधियों के लिए रेडीमेड होगी। उन्हें केवल लोगो बदलना होगा ।

वैसे एक बात तय है कि विपक्ष काफी हताहत है और आप के मुद्दों पर शायद आप का सामना नहीं कर पाएगा। वैसे भी उनकी स्वघोषित सेकुलराई उनके आड़े आएंगी हिन्दू का झण्डा उठाने के । लेकिन अगर भाजपा ने निराशा कर दी तो एक बहुत बड़ी स्पेस बनती है ।

तो भाजपाइयों, आप के साथ केवल शुभेच्छा ही नहीं, अपेक्षा भी हैं । समय कम है 2019 के लिए और हर पार्षद / विधायक को यही सोचना है कि अपने क्षेत्र से भाजपा का ही सांसद चुनकर आए । इसके लिए काम करना होगा । नहीं तो "जनता माफ नहीं करेगी "!

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