'मास्टर साहेब और जिओ का सिम'
जिओ सिम पर एक व्यंग्य
बात उस समय की है जब जिओ सिम लांच हुआ था ।
हमारे हिंदी वाले सरजी क्लास में हमसे पूछ लिए,
तेवारी कई दिन हो गए नेट नहीं चलाया हूँ,
नेटपैक महंगा हो गया है,तनखाह ससुरी चारि हज़ार रूपया,
अब इसमें आटा खरीदें की डाटा ?
" साहेब जिओ का सिम लेलो" हमने कहा ।
वोह से का होगा ? सर जी ने पूछा ।
साहेब सब कुछ फ्री रहेगा ,
जतना मन उतना बात करो,
नेट भी दाब के चलाओ ।
बगल में बेठे मोनू शुक्ला बोल पड़े,
जे फ्रॉड होइ कोनो, ऐसे फ्री कर देंगे ? सर जी ने कहा ।
मेने कहा " साहेब फ्रॉड नहीं है ,रिलायंस स्टोर मा चले जाइये ,
पता कीजिये और ले आइये।"
उस दिन स्कूल से छुट्टी होने के बाद सर जी सीधे रिलायंस स्टोर गए,
पर वहां बड़ी भीड़ थी, तो किसी दूसरे दूकान से डेढ़ सौ रूपया खर्च कर के ले आये ।
दो तीन दिन में सिम चालू भी हो गया ।
सरजी आज फिर क्लास में मिले,
बहुत परसन्न नजर आ रहे थे,
कहने लगे, यार तेवारी बड़ा जबरदस्त सिम है,
वीडियो उड़िओ सब ऑनलाइन चल रहा है हो ।
हमने भी मजाक मजाक में कह दिया , साहेब यही खुसी मा चार नंबर बढ़ाई दिहो हमार हिंदी के पेपर में ।
सर जी हँसने लगे , और फिर मुन्सी प्रेमचंद का जीवन परिचय
सबसे पूंछा जो कल याद करने को बोला था ,
मोनू शुकुल,मनोज मिसिर और राजू वर्मा को छोड़ के सब मारे गए,
आठ आठ छपकी सबको पड़ा,
लेकिन हमे खाली चार छपकी ही पड़ा ,
काहे से हम साहेब के कृपापात्र शिष्य बन गए थे ।
शाम को छुट्टी हुई हम स्कूल से घर चले आये, रात को सोचा थोडा नेट चला लें ।
हमने वटसाप चालु किया तो देखा सरजी का मेसेज आया हुआ था,मेसेज में एक चित्र था जिसमे बड़ा ही मार्मिक सन्देश लिखा हुआ था ।
फिर फेसबुक चालू किया वहां भी सरजी का वही मार्मिक सन्देश वाला चित्र रायता फैला रहा था ।
उस चित्र में एक गरीब इंसान जिसका फ़ोटो ब्लैक एंड वाइट था हाथ में खाली कटोरा लिए बैठा था ,
और बगल में लिखा था " मोदी जी,डाटा नहीं आटा सस्ता चाहिए ।" ।
ये सब जिओ के सिम से किया गया था ।
ॐ
©राघव