अबकी बार, मुस्लिम सरकार - मंत्री आज़म खान
इन्ही प्रयोगों की सफलता से उत्साहित होकर आजम खान नें "अबकी बार ,मुस्लिम सरकार " का खुला नारा दिया है और सभी सेकुलर दलों सहित समस्त सेकुलरवादी अर्थात् इस्लामवादी मीडिया का उन्हें मुखर और मौन समर्थन मिला हुआ है ।
" सारा मुस्लिम तंत्र , मुख्यमंत्री ' बेनामी । "
"अबकी बार , मुस्लिम सरकार ।".... " मंत्री मुल्ला आज़म खान "
वंगाल में पाकिस्तान की' आई एस आई ' की योजना के तहत वहाँ के एकजुट मुसलमानों ने हिंदुओं के कुछ टुकड़खोर जातिवादी टुकड़ों को जोड़कर ममता को सत्तारूढ़ करने में अभूतपूर्व सफलता पाई और कुछ ही दिनों में जिहादी संगठित गुंडो ने संपूर्ण शासन व्यवस्था को वन्धक वना लिया और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को मजबूरन अघोषित रूप में इस्लाम स्वीकार करना पड़ा और ममता आज व्यवहार में "अमता बेगम " बन चुकी है । सरकारी आदेश फ़तवों के रूप में इमामों द्वारा मस्जिदों से अनुमोदित होकर ही निर्गत हो पाते हैं । कुछ फ़तवे तो कलकत्ते के इमाम द्वारा सरकार की चिन्ता किये वगैर की जारी किये जा रहे हैं । काफिर हिंदुओं के "सर कलम करने "के भी फ़तवे जारी किये जा रहे हैं ।पुलिस प्रशासन के संरक्षण में जिहादी मुस्लिम गुण्डों द्वारा उनको बेख़ौफ़ लागू भी किया जा रहा है ।
यहाँ तक कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विरुद्ध भी कलकत्ता के इमाम द्वारा फ़तवा जारी किया जा चुका है । स्थिति यह बन गई है कि 'शासन शरियत के अनुरूप इस्लामी 'चल रहा है और 'मोहर कथित हिन्दू ममता बनर्जी (अमता बेगम )' की लग जाती है । एकजुट जिहादी मुस्लिमों ने ममता बनर्जी को " बेनामी मुख्यमंत्री "बनाया हुआ है अर्थात् "शासन मुस्लिम मुख्यमंत्री हिन्दू।"। वंगाल के सफल प्रयोग से उत्साहित होकर वही प्रयोग उत्तर प्रदेश में पश्चिम उत्तर प्रदेश से प्रारम्भ हो चुका है । पश्चिमी प्रदेश के किसी भी जिले में हिंदुओं के "जर जोरू जमीन " के मुस्लिम अपहर्ताओं / अपराधियों के खिलाफ रिपोर्ट आजम खान की पूर्व अनुमति के बिना नहीं लिखी जाती । मुजफ्फरनगर के दंगे का कारण आजम खान का थानेदार को अनुचित आदेश ही था ।" मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ,आदेश मन्त्री आजम खान का" ।
इन्ही प्रयोगों की सफलता से उत्साहित होकर आजम खान नें "अबकी बार ,मुस्लिम सरकार " का खुला नारा दिया है और सभी सेकुलर दलों सहित समस्त सेकुलरवादी अर्थात् इस्लामवादी मीडिया का उन्हें मुखर और मौन समर्थन मिला हुआ है ।
यद्यपि मेरी सभी पोस्ट्स से अभारतीय मुस्लिमों और छद्म मुस्लिमों ( जातिवादी ,गाँधीवादी ,साम्यवादी , नवसमाजवादी आदि सभी भारतीय मतावलम्बी समुदायों के विरोधी विघटन वादी भारतीय नामधारी कथित हिंदुओं )को कष्ट हो रहा है ,यदि उनकी मज़बूरी "मुसलमानों के दबाब में राष्ट्र् और राष्ट्रीयता का विरोध" करना है ,तो "राष्ट्र् और राष्ट्रवादी शक्तियों का यथाशक्ति समर्थन करना मेरी भी मज़बूरी बन चुका है "।
आज की पोस्ट इसी राजनीतिक परिवेश में प्रस्तुत है ...
"मुल्ला आजम 'जोर से , खुलकर करें प्रचार ।
यू पी में है बन रही , इस्लामी सरकार ।।
'इस्लामी सरकार ' , काम होंगे इस्लामी ।
सारा 'मुस्लिम तंत्र,' 'मुख्यमंत्री बेनामी ' ।।
'औरँगजेवी रूल ', ख़त्म सब 'हल्लागुल्ला' ।
बिना लड़े ही राज , करेगा 'आजम मुल्ला।।"
"दीखा है वंगाल में , बेहद 'सफल प्रयोग' ।
' इंशा अल्ला' यहाँ भी, बना वही संयोग।।
बना 'वही संयोग ' , एकजुट मुस्लिम सब हैं।
'टुकड़ खोर' ये हिंदु , एक हो पाये कब हैं??
'कुछ टुकड़ों ' को जोड़ , राज करना है सीखा।
हिन्दुजनों में 'स्वान' , हमें ' हर नेता ' दीखा ।। "
"कुछ टुकड़ों 'को जोड़ कर होती 'मुस्लिम जीत'।
बस मोदी ही एक है , करता हमको 'भीत' ।।
करता हमको भीत , क्योंकि यह ' सबका नेता '।
जाति पन्थ पद लोभ, सभी को ठोकर देता ।।
हिन्दुजनों के बीच , बढ़ाना है झगड़ों को ।
अपने ढँग से ' युज् ' ,करेंगे हम ' टुकड़ों को' ।।"
विशेष ......
" मुल्ला आजम .".. आजम ख़ान अपने पूर्व के बयानों से और आचरण से एक मुल्ला से अधिक ख़तरनाक सिद्ध हुये हैं ।अतएव अब भारतीय समाज इन्हें 'मुल्ला आजम' और मुलायम सिंह को 'मौलाना मुलायम ' के नाम से संबोधित करता है ।
" इस्लामी सरकार.".. वंगाल जैसी सरकार ।
मुस्लिम तंत्र .. पूरी प्रशासनिक व्यवस्था मुस्लिमों के बन्धक।
"बेनामी मुख्यमंत्री ".....अर्थ किया जा चुका है ।
" औरँगजेवी रूल "... औरंगजेव की भांति ,अखिलेश भी अपने पिता को वलपूर्वक पद च्युत करके पदारूढ़ हुये हैं ।
इसीलिये उन्हें भारतीय राजनितिक इतिहास में औरंगजेव द्वितीय कहा जाता है ।
रूल का अर्थ शासन । कुल मिलाकर औरँगजेवी शासन ।
"सफल प्रयोग" ...?
" इंशा अल्ला "....इंशा अल्लाह अर्थात् ईश्वर की कृपा से ।
"वही संयोग "... वंगाल की तरह कठपुतली मुख्यमंत्री का संयोग
" टुकड़ खोर ".... हिंदुओं के बारे में मुसलमानों में ऐतिहासिक कारणों से यह धारणा बहुत गहरे तक व्याप्त है कि इनको पद पैसा के टुकड़े देते रहो और बदले में 'जर जोरू जमीन' पर कब्ज़ा करते रहो । उनकी भाषा में 'हिन्दू एक टुकड़ खोर समुदाय' है ।इसका जमीर मर चुका है ।
''कुछ टुकड़ों को जोड़'' ... एकजुट मुस्लिमों के साथ हिंदुओं के कुछ जातिवादी पतित अराष्ट्रवादी टुकड़ों को जोड़ कर।
''स्वान ''.... कुत्ता , लाक्षणिक अर्थ कुत्ता की तरह मुल्लाओं के सम्मुख दीन भाव से दुम हिलाना ।
'' हर नेता ''. प्रत्येक सेकुलर नेता ,जिसका स्वाभिमान नष्ट होचुका।
"मुस्लिम जीत" ... हिंदुओं का जातीय विखराव ही गत एक हजार साल से लगातार उनकी पराजय और मुस्लिमों की जीत का कारण रहा है ।
"भीत ".... डरा रहा है ।
"सबका नेता" .... मोदी ही एकमात्र ऐसे हिन्दू नाम धारी भारतीय नेता हैं जिन्हें सभी जाति पन्थ के समुदायों का अखिल भारतीय स्तर पर विश्वास प्राप्त है और जिन्हें सभी अपना नेता स्वीकार करते हैं ।
"ठोकर देता ".... मोदी एकमात्र ऐसे नेता हैं जो राष्ट्रहित के लिए सर्वस्व वलिदान करने को हर क्षण तैयार रहते हैं ।
"अपने ढंग से ".... मुस्लिम हितों के लिए अपनी "यूज"....उपयोग ।
"टुकड़ों को ".....जातिवादी समूहों को ।