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आखिरी बात

लड़की:- अच्छा सुनों तुम कल शाम आ रहे हो न स्टेशन मुझसे आखिरी बार मिलने के लिये...शाम की गाड़ी में रिजर्वेशन मिला है...?? मै जाते जाते एक बार तुमको देख लेना चाहती हूँ!!

लड़का:- तुमको क्या लगता है कि मुझे आना चाहिए? तुमको अपने सामने हमेशा के लिए दूर जाते हुए देखना ये मुझसे न हो पायेगा....

लड़की:- अरे अब आ भी जाना तुम भी तो मुझसे मिलना चाहते होंगे??

लड़का:- अरे क्या फर्क पड़ता है आने न आने से, अब अपनी कहानी कोई राज और सिमरन की तरह तो है नही कि मैं स्टेशन आऊंगा तुम्हारे पापा के आदमी पहले मुझे पीटेंगे और बाद मेँ मुझे घायल देखकर बोलेंगे जा बेटा जी ले अपनी जिंदगी और तुम भाग कर मेरा हाथ थाम लोगी उम्र भर के लिए सदा सदा के लिए...मै अगर स्टेशन आया तो मेरे दोस्त भी मेरे साथ होंगे वही दोस्त जिनको तुम आवारा कहती हो और अगर उन्होंने थोड़ा सा भी मुझे परेशान देख लिया तो तुमको और हमको और तुम्हारी पूरी फैमली के साथ गाड़ी में बिठा के सीधा मन्दिर लेकर जायेगें और शादी होने के पहले तक मेरी भी नही सुनेंगे...अब क्या बोलती हो आ जाऊ..??

लड़की:- अरे बाप रे....मैंने तो ये सोचा ही नही था...रहने ही दो.फिर. सुनो अबसे अपना ख्याल खुद से रख लिया करना और इस इंतजार में मत रहना की हर सुबह मै फोन करके तुमको जगाया करुँगी...इसलिए खुद से उठना सीख लेना...!!

लड़का:- अरे पगली मै तो हर रात तुमसे बात करते करते इसी उम्मीद से खुश होकर सो जाता था कि सुबह फिर तुम फोन करकें जगा दिया करोगी अब तेरे जाने के बाद नींद जब आएगी नही तो मॉर्निंग किसी काल की जरुरत ही नही होगी...

लड़की:- अब रात को जब अपनी बात नही होगी हम तुम बातों के दरमियाँ साथ नही होंगे तो तुम क्या किया करोगे इसलिए टाइम से सो जाया करना..!!

लड़का:- तुम क्या सोचती हो तुम चली जाओगी तो मै अकेला पड़ जाऊंगा कभी नही...समझी...कभी नही...तुमसे जुडी यादों की इतनी लम्बी फेहरिश्त मेरे पास है की जिनके सहारे मैं पूरी उम्र काट सकता हूँ...अच्छा ये सुनो

"रिश्तों कीं वफादारी तब कुछ इस तरह निभाऊँगा..
तेरे हिस्से का वक्त तेरी यादों के संग बिताउगा..."

लड़की:-बाते तो कोई तुमसे करवा ले कितना बात करते हो तुम..??

लड़का:- हाँ क्यों नही अब जब से तुम मिली थी तब से औरों से बात करना कम हो गया था...तो सारी बातें तुमसे ही कर लेता था...

लड़की:- ओह्ह्ह तो ये बात है महोदय ये तो हम थे जो तुम्हारी फालतू वाली शायरी सुन लेते थे और कोई इसपे उफ़ भी नही करेगा...समझे..!!

लड़का:- तुमको मालूम है कुछ लिखने के लिए प्रेरणा की जरूरत होती है और तुम मेरी प्रेरणा थी...अब तुम जा रही हो तो कलम और डायरी भी हमेशा के लिए बन्द कर दूँगा..सिर्फ तुम्हारे लिए ही तो लिखता था दुनिया के लिए नही..समझी...

लड़की:- ओके ओके मुझे मालूम है तुम तो सीरियस होने लगते हो...सुनो अपना ख्याल रखना और ये सब लफड़े छोड़कर कोई क़ायदे की नोकरी ढूंढ लेना..अपनी दुनिया नए सिरे से बसा लेना...खुश रहा करना...

लड़का:- और कुछ...??

लड़की:- हाँ अब सिगरेट मत पीना क्योकि हम बार बार मना करने नही आयंगे...गाड़ी स्पीड में मत चलाया करना...और अपने इन अवारा दोस्तों से दूर रहना और एक जरुरी बात वो जो मेरी फ्रेंड है हा वही लम्बे बाल वालीं...जो मेरे साथ मिलने आया करती थी...वो भी तुम्हे पसन्द करती है उससे दूर रहना मै नही चाहती उसकी छाया भी आपके ऊपर पड़े...समझे न दूर रहना उससे बोल दे रही हूँ...

लड़का:- हाहाहाहाहा ठीक है बाबा सब कुछ छोड़ दूंगा यहाँ तक की ये शहर भी अब मेरा भी यहाँ दम सा घुटने लगा है...और आपकी उस सहेली से भी दूर रहूँगा...अब ठीक है...

लड़की:- ये मेरा आखिरी काल है हो सकता हैं ये अपनी "आखिरी बात" होगी... ये नंबर अब हमेशा बन्द रहेगा...तुमसे अब हम कभी बात नही कर पायेंगे..सुनो तुम स्टेशन आओगे न.??

लड़का:- शायद नही...!! और हो सके तो कभी कभी बात कर लेना मै नही चाहता हूँ अपने बीच में कोई भी बात "आखिरी बात" हो...

लड़की:- मुझे पता है तुम दिल के बहुत अच्छे हो...मुझे बहूत प्यार करते हो..मुझसे मिलने जरूर आओगे..

लडका:- मेरी बात सुनो शायद मै नही आ पाउंगा...!!

लड़की:- (गुस्से से)मुझे मालूम है की तुमको मेरी फ़िक्र नही है मैं चाहे जियूँ या मरू तुमको क्या...जाओ अब मुझसे कभी बात मत करना...गुड बाय..!!

लड़का:- अरे सुनो तो सही....हैलो...हैलो...हैलो...

फोन का कनेक्सन प्यार के इस नाजुक क्नेक्सन की तरह टूट गया था और प्रीत के वो धागे जो दोनों की कलाई से बंधे थे बिना आवाज किये अलग हो गए रिश्तों के फोन पर वक्त ठहर सा गया जिसके एक सिरे पर वो लड़का बस आवाज ही देता रह गया...पुकारता ही रह गया.!!

वो लड़की आज भी यही सोचती होगी की लड़का उसे प्यार नही करता इसलिए नही आया.. पर जाते जाते काश एक नजर स्टेशन की उस कोने वाली बेंच पर डाल लेती जिधर कोई अजनबी सा लड़का अपने दोस्तों को बिना बताये आकर बैठा था...और सफेद रुमाल और ब्लू कैप के पीछे अपने अश्को को छिपाये उसे मजबूरी में जाते हुए देख रहा था...
बस देख ही रहा था...वो लड़का सच में दिल का बहुत अच्छा है और आज भी उस लड़की से उतना ही प्यार करता है..!!

विशाल सिंह सूर्यवंशम

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