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ख़तरनाक ये अधिक, रहे हैं सेकुलरवादी

" सेकुलरवादी बिषधरों , से सब रहें सचेत ।
' छद्म मुसलमाँ' ये रहे , करते हमें 'अचेत' ।।
करते हमें अचेत , 'राम मंदिर' के दुश्मन ।
'बाबर' इनका 'पूज्य', ' बाबरी ' में इनका मन ।।
राम कृष्ण की 'जन्म --भूमि' से दूर विवादी ।
ख़तरनाक ये अधिक ,रहे हैं सेकुलरवादी ।।''

विशेष ....
" छद्म मुसलमाँ .''.... अधिकांश सेकुलरवादी चोरी छुपे इस्लाम स्वीकार चुके हैं । जब तक मुसलमानों की आबादी 40 प्रतिशत नहीं पार कर जाती है ,तब तक ये एक रणनीतिक साजिश के तहत ये लोग अपने अरबी नामों की घोषणा नहीं करेंगे और हिन्दू नामधारी बने रहते हुये हिंदुओं को विभिन्न घातक उपायों से भीतर से तोड़ते रहेंगे और इस्लामी आतंकवादी हिन्दू समाज के जर जोरू जमीन का इनके शासकीय संरक्षण में अपहरण करते रहेंगे । ये राम कृष्ण की जनभूमि से दूरी बनाकर रखेंगे किन्तु अरबी परिधान धारण करके मजारों पर चादरें शृद्धापूर्वक चढ़ाते रहेंगे । भारत और भारतीयता के जितने भी स्मारक चिन्ह या परम्पराओं को धीरे धीरे क्रमशः मिटाने में विभिन्न बहानों से मुस्लिम जिहादियों की सहायता करते रहेंगे ।
" बाबर" ..... इतिहास सिद्ध है कि बाबर एक इसलामी आतंकवादी विदेशी लुटेरा था ,किन्तु सेकुलरवादी उसे ' महान् मुग़ल साम्राज्य 'के संस्थापक के रूप में शृद्धापूर्वक याद करते हैं ।
"बाबरी" ..... सभी सेकुलरवादी अयोध्या में रामजन्मभूमि को काल्पनिक मानकर राममंदिर के अस्तित्व को ही नकारते रहे हैँ और 'जनभूमि 'के स्थान पर 'बाबरी मस्जिद' को वैध मानते हैं । इसके साथ ही बाबरी अर्थात् इस्लामी संस्कृति के विस्तार के लिए इसलामी तालीम के लिए पाकिस्तान की शैली में पुरे देश में मदरसों का सञ्जाल खड़ा करने का
अभियान बहुत ही तेजी से चलाया जा रहा है । सन् 1956 में पूरे देश में कुल 600 मदरसे थे आज केवल यू पी के एक जिले आजमगढ़ में 600 से अधिक मदरसे स्थापित हो चुके हैं ।
गत 15 वर्षों में 1000 से अधिक संस्कृत गुरुकुल और पाठशालाओं को सरकारी स्तर पर हतोत्साहित करके बंद किया जा चुका है ।मुख्यधारा के विद्यालयों में भी संस्कृत शिक्षा को लगभग ख़त्म कर दिया गया है ।हाई स्कूल और इंटर कक्षाओं में आज से 20 वर्ष पहले जहाँ 50 से 100 विद्यार्थी हुआ करते थे आज लेदेकर 4,5 विद्यार्थी रह गए हैं । हर जिले में पुराने बूचड़ खानों का विस्तारीकरण और नए नए बूचड़ खानों के लाइसेंस दे दिये गए है। ऐसा लगता है हम भारत नहीं पाकिस्तान के किसी सरकार से शासित हो रहे हैं ।
ये छद्म मुसलमान अर्थात् सेकुलरवादी गत सौ वर्ष में अधिक ख़तरनाक सिद्ध हुये हैं ।इन्होंने देश का विभाजन करके उसके अंतिम रूप से अभारतीय करण का मार्ग प्रशस्त कर दिया है ।

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