कामरेड - अपने काम के लिये
कुछ दिन बाद खबर आई..की एक गांव की लड़की के साथ आपत्तिजनक हालत में पकड़ा गया है...किसी तरह पैसे वैसे देकर और हाथ पैर जोड़ कर मामला दबा दिया गया...फिर उनके बाउ जी ने तुरन्त बोरिया बिस्तर बांधकर घर से निकाल दिया..
कुछ महीने पहले कैम्पस में छात्र संघ् के चुनाव थे....उसमे एक ऐसे व्यक्ति से मिला...जो हर रैली ,भाषण ग्रुप और मीटिंग में एकदम आगे रहे.....
मेरे कहने एक दोस्त ने हमे उससे मिलवाया...एक सावला सा करीब 5 फिट 9 इंच का पतला लड़का,जिसकी आँखे धस चुकी थी....ब्रांडेड जीन्स के ऊपर कॉटन का एक कुरता और एक लाल गमझा...हाथ में दो मोबाइल एक महंगा वाला,और एक सादा जिसमे बैटरी ज्यादा चलती है....!
शायद पिछले हफ्ते नहाया था....पसीने से भी क्रांति की बू आ रही थी...और हर आधे घण्टे में अपने झोले से एक सिगरेट निकाल कर अपनी हल्की बियर्ड खुजलाता था.....!
हम --राम राम भैया
क्रन्तिकारी--अरे यार ,तुम सब भी एकदम संघी हिप्पोक्रेट हो...हम इसी लिए तो लड़ रहे है...हमे धर्म के बोझ से आजादी चाहिए.ये आडम्बर से आजादी चाहिए , तुम लोग के ये निम्न सोच से आजादी चाहिए...इसी बीच दू चार गाली बक दी सङ्घ और मोदी को.... मेरा पारा हाई....
हम भी गालियों से स्वागत कर दिये उसका, उ का है थोडा असहिष्णु है न ... लाल सलाम की औलाद ..वामपंथी.,.. तब मेरे दोस्त और मोनू भाई ने बीच बचाव करा दिया......!
फिर उसकी कहानी मेरे दोस्त ने जो बताई..वो आपको बताता हूँ ..!
आज से तीन साल पहले ये भी सीधा साधा अच्छा संस्कारी लड़का था....एक अच्छे घर से सम्बन्ध रखता था...कस्बे में सबको राम राम प्रणाम कहना और बड़े लोगो की बात मानता था...लेकिन इनके पिता जी को शोख़ था की उनका बेटा दिल्ली में पढे,.,इसलिए इनको दिल्ली भेज दिया गया....लेकिन जब ये गर्मी के छुट्टियों में आया तो बदल चूका था....कपड़ो से लेकर बात व्यवहार तक....
अब इसको बड़े बुजर्गो यहाँ तक की अपने बाप का मजाक उड़ाने लगा.,,,बात बात में क्रांति की बाते...,लेनिन चे और माक्स का नाम...
हर जगह उनका उदाहरण....पूजा पाठ तो दूर दूर तक छोड़ चूका था....सिगरेट और दारू को नस - नस में बहने लगा....कोई भी आर्थिक बात हो तुरन्त साम्य वाद और पूजी वाद लाकर पटक दे....तुम लोग क्या जानते हो साम्यवाद के बारे में...लेनिन माक्स कार्ल...ये सब अर्थशास्त्री थे तुम सब ग्वार हो....आओ मेरे साथ क्रांति करो....
एक बार चिचा ने उनके पूछ लिया...कैसा क्रांति करते हो...किस्से लड़ते हो...हमको भी बताओ ..किस्से आजादी चाहिए....
क्रन्तिकारी बोला--मुझे मनुवाद से आजादी चाहिए,.धर्म से आजादी चाहिए..गरीबी से आजादी चाहिए ,संघ् से आजादी चाहिए... हम है लाल सलाम...
तो परिवार वाले समझ गए अब लड़का अब हाथ से गया....जिस लड़के का इन्तेजार वो महीनो से कर रहे थे...वो अब खटकने लगा....पर अपना बच्चा था...किसी तरह बर्दास्त किया....कुछ दिन बाद खबर आई..की एक गांव की लड़की के साथ आपत्तिजनक हालत में पकड़ा गया है...किसी तरह पैसे वैसे देकर और हाथ पैर जोड़ कर मामला दबा दिया गया...फिर उनके बाउ जी ने तुरन्त बोरिया बिस्तर बांधकर घर से निकाल दिया.....
और आज इ लड़का एक लड़की के घर में लिव इन रिलेसन शिप में रहता है...लड़की तीन बार गर्भपात भी करवा चुकी है.....!
दोनों मिलकर किरांटी की अलख जलाते है....कामरेड बन चुके है....!