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आज प्रधान सेवक का वह वादा याद आ रहा है जिसमें उन्होने कहा था कि सवा सौ करोड़ लोगों को शिक्षा, चिकित्सा, रोजगार की गारण्टी और सुरक्षा का अहसास देने के लिये 56 इंच का सीना होना चाहिये। पूरे देश में एक संदेश तेजी से वायरल हो गया कि देश को वह शेर आखिर मिल गया जिसकी तलाया हो रही थी। जो बदजहज़ीब, बेगैरत और आंतक आतंकवादियों के सरपरस्त पड़ोसी को सबक सिखा सके। 

किन्तु आज समूचा देश खुद को ठगा महसूस कर रहा है। 2014 के बाद से अब तक देश की सीमाओं पर घटी घटनायें और सरकार द्वारा लिये गये एक्शन के बाद यह विश्वास होने लगा है कि जिसे हम शेर कह रहे थे दरसअल वह श्ेंर का अभिनय कर रहा था। लोगों ने नोटबंदी और जीएसटी जैसे अपरिपक्व फैसलों को यह तर्क दे देकर स्वीकार किया कि ये सब अच्छे दिन की शुरूआत के लिये की जा रही तैयारियां हैं। लेकिन हर मामले में देश की आम जनता परेशान हुई। न जाने कितने बेमौत मर गये, फिर भी जनता नोटबंदी को सराहती रही। कहा जा रहा था कि इसका आतंकवाद पर व्यापक असर होगा, न जाने अच्छे दिनों के बदले और क्या क्या कीमत चुकानी होगी। जीएसटी को लेकर व्यापारी परेशान हैं, व्यापार कुछ दिनों के लिये बुरी तरह प्रभावित है लेकिन आज भी लोग बर्दाश्त कर रहे हैं। लोगों को हर कीमत चुका कर 56 इंच वाले प्रधानसेवक के फैसलों का इंतजार है जिससे वे उन सैनिकों के परिजनों का स्वाभिमान लौटा सकें जिन्होने हंसते हंसते दुश्मन की गोलियां खाईं। यह सोचकर देश बर्दाश्त कर रहा है सवा सौ करोड़ देशवासियों के उम्मीदों की सरकार एक दिन सबक सिखायेगी।

अब तो पूरा देश चीख चीखकर कह रहा है कि दुश्मन को सबक सिखाने में देर नही करनी चाहिये। लेकिन सबक सिखाना तो दूर प्रधानसेवक वे फैसले भी नही कर पा रहे हैं जिसे खुद कर सकते हैं। जिसका व्यापक असर हो सकता है। केन्द्र सरकार की सहयोगी शिवसेना की तरफ से संजय राउत ने मीडिया से कहा कि सिर्फ निंदा करने से कुछ नहीं होगा, आतंकवादियों को सबक सिखाने की जरूरत है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने कहा था कि नोटबंदी का असर कश्मीर में आतंक पर पड़ेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, न ही सर्जिकल स्ट्राइक का असर हुआ। शिवसेना और भाजपा ने लोकसभा और महाराष्ट्र चुनाव के लिए गठबंधन किया था। दोनों पुराने साथी हैं। लेकिन पिछले कुछ दिनों से दोनों पार्टियों के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा। शिवसेना कई मुद्दों पर भाजपा को घेरती रही है।

अमरनाथ यात्रा के दौरान अनंतनाग में सोमवार रात हमला हुआ था। उस हमले में सात श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। साथ ही 30 घायल हो गए थे। मारे गए लोगों में पांच महिलाएं थी। ज्यादातर लोग गुजरात के थे। सरकार के साथ-साथ विपक्ष इसकी निंदा कर रहा है। लोग सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। कश्मीर के आईजी मुनीर खान ने बताया है कि अमरनाथ यात्रा के श्रद्धालुओं पर हुए हमले को लश्कर ए तयैबा ने अंजाम दिया जिसका मास्टरमाइंड पाकिस्तानी आतंकी इस्माइल था।

पाकिस्तान द्वारा समर्थित आतंकवादी लगातार हमारे प्रतिष्ठानों, सैन्य शिविरों और अमरनाथ यात्रियों पर हमला कर रहे हैं। समय आ गया है जब हमें पाकिस्तान को आतंकवादी राज्य घोषित करना चाहिए। आतंक और आतंकवादियों का समर्थन करने वाले देश के साथ हमें सभी संबंध तोड़न लेने चाहिए। हमें पाकिस्तान से संबंधित सभी सीमाओं को महसूस और सुरक्षित करना चाहिए। हमें एक मजबूत कार्रवाई करना होगा ताकि भविष्य में पाकिस्तान ऐसी कोई गलती नहीं कर सके। एक मजबूत विदेशी नीति बनाने की जरूरत है। हमें पाकिस्तान के आतंकवादी शिविरों पर हवाई हमलों की तैयारी करनी होगी। हमें अपनी प्रतिक्रियाओं को केवल शब्दों से नहीं बल्कि कार्यों के द्वारा दिखाना चाहिये। आतंकी हमलों को लेकर पूरा देश गुस्से में हैं। भारत सरकार को इसे महसूस करना होगा।

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