सैफुल्ला मारा गया, 'सेकुलर' एक 'सपूत'
आतंकी सैफुल्ला स्वयम्भू खलीफा अंतर्राष्ट्रीय इसलामी आतंकवादी बगदादी से स्वयं को सम्बद्ध मानते हुये 'आई एस आई एस ' के आतंकी संगठन के विस्तार में व्यस्त रहा और उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के प्रशासन को अपने अनुकूल मानते हुये गत तीन मास से दुबग्गा क्षेत्र में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिये बम.
सैफुल्ला  मारा  गया, 'सेकुलर'  एक 'सपूत'
आतंकी  सैफुल्ला स्वयम्भू  खलीफा अंतर्राष्ट्रीय  इसलामी आतंकवादी बगदादी  से स्वयं को सम्बद्ध मानते हुये 'आई एस आई एस ' के आतंकी संगठन के विस्तार में व्यस्त रहा और उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के प्रशासन को अपने अनुकूल मानते हुये गत तीन मास से दुबग्गा क्षेत्र में 
आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिये बम आदि बनाने में अपने साथियों 
सहित तैयारी में लगा हुआ था और एक रणनीति के तहत भाजपा शासित राज्यों में  
भारी जनधन हानि करने के लिये बम बिस्फोटों की शृंखला में पहला बिस्फोट मध्य
 प्रदेश में एक ट्रेन में दो दिन  पहले करने / कराने में सफल हो गया 
,किन्तु वहाँ की पुलिस की सार्थक सक्रियता से लखनऊ में राज्य के सुरक्षा 
बलों के द्वारा संगठन का सरगना "सैफुल्ला "दिनान्क 7.2 .201की  रात में 
मुठभेड़ में मारा गया ।
            
किन्तु इससे सदैव की भांति सेकुलर जमातों में  बेचैनी फैल गई । जिस प्रकार इशरत जहाँ  मुठभेड़ को फर्जी प्रचारित करके  गुजरात के पुलिस कर्मियों को फँसाने का अभियान हर स्तर पर चलाया गया
 और सरे आम दिन में घटित मुठभेड़ में इंस्पेक्टर शर्मा के शहीद हो जाने के 
बाबजूद कांग्रेस के नेतृत्व  के द्वाराउसे फर्जी सिद्ध करने का अभियान 
चलाया गया और उसमे दो मुस्लिम आतंकियों के मारे जाने पर सोनियाँ गांधी फूट 
फूट कर रोईं थीं ।  जानकारी मिल रही है कि सोनिया जी सैफुल्ला के मारे
 जाने पर उसी प्रकार अत्यधिक दुखी हैं और उन्होंने कांग्रेस के प्रवक्ताओं 
को जनता के मूड को ध्यान में रखते हुये मुठभेड़ पर संदेह व्यक्त करने का
 निर्देश दिया है , वर्तमान में सपा सरकार होने के कारण विरोध की भाषा में 
 मध्यप्रदेश की सरकार को  लपेटने  का कुटिल प्रयास कांगेस द्वारा किया जा 
रहा है ।
गत एक दशक से भारत में घटित हो रही इस्लामी आतंकी दुर्घटनाओं और सेना द्वारा पाकिस्तान के विरुद्ध की गई सर्जिकल स्ट्राइक को कांग्रेस के नेतृत्व में सेकुलर समूहों द्वारा उन्हें फर्जी सिद्ध करने का अभियान चलाया जा रहा है । यह किसी बहुत ही गंभीर षडयंत्र की ओर स्पष्ट संकेत कर रहा है । ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कांग्रेस ने तो सभी 'ज़िहादी मुस्लिम आतंकियों को गोद' लिया (दत्तक) हुआ है ।अतएव प्रत्येक आतंकी के मारे जाने पर 'उनके आँसू फूट पड़ते' हैं ।
आज की पोस्ट की पृष्ठभूमि यही है .....
          " सैफुल्ला' मारा गया , 'सेकुलर'  एक  'सपूत'।
            कांग्रेस  इस  बार फिर,   मांगे    'पुष्ट  सबूत' ।।
            मांगे   पुष्ट   सबूत , 'बाटला    हॉउस'   जैसे ।
            शोक-ग्रस्त   हैं पुनः ,  सोनिया  रोतीं   'वैसे' ।।
            'दत्तक  'उनके' सभी  , ज़िहादी द्रोही मुल्ला ।
            'अफजल' हो या अन्य,  दुष्ट कोई  'सैफुल्ला ।।"
  
विशेष ....
          
'सेकुलर '...पाकपरस्त इस्लामवादी राजनितिक दल ,कथित बुद्धिजीवी ( अर्थात् बुद्धिभक्षी ) गिरोह ।
         
' सपूत '....सभी  सेकुलर जमातें इस्लामी आतंकियों   के साथ शहीदों की तरह का आचरण करते हैं ।
     
" बाटला हॉउस' ...उप की  सरकार के समय दिल्ली के बाटला हॉउस में चार इस्लामी आतंकियों के छुपे होने की सूचना पर पुलिस इंस्पेक्टर शर्मा के नेतृत्व में बाटला हॉउस को घेर कर दिन में ही उन्हें पकड़ने का प्रयास किया गया ,किन्तु आतंकियों के आक्रामक प्रतिरोध के चलते दो आतंकी मौके पर मारे गए और दो भाग जाने में सफल रहे ।उस मुठभेड़ में इंस्पेक्टर शर्मा शहीद हो गए । प्रत्यक्ष घटना के बाबजूद कांग्रेस दल ने मुठभेड़ को वर्षों फर्जी प्रचारित किया और मारे गए आतंकियों को निर्दोष छात्र बताया । उसी अवधि
                     में सोनिया को मम्मी कहने वाले खुर्शीद आलम नें रहस्योद्घाटन किया कि बाटला हॉउस काण्ड में मारे गए आतंकियों की सूचना जब सोनियां को दी गई तो तो उनका माँ का ह्रदय विगलित हो गया और उनके नेत्रों से अश्रुधार फूट पड़ी और वे बहुत देर तक रोटी रहीँ । इंस्पेक्टर शर्मा के लिए उनकी आँखों के आँसू बिलकुल सूख गये । 
      ' दत्तक .'.... सोनिया और उनके नेतृत्व में गत दशकों में उनके मुस्लिम आतंकियों के प्रतिउमड़ते रहे स्नेह को देखते हुये ऐसा प्रतीत होता है कि उन्होंने सभी मुस्लिम आतंकियों को  दत्तक के रूप में स्वीकार किया हुआ है। उनके .. सोनिया गान्धी के ,जब भी कोई मुस्लिम जिहादी आतंकी सुरक्षा वलों से मुठभेड़ में मारा जाता है उनका  मातृहृदय इतना करुणा विगलित हो जाता है कि उनके आँसू अकस्मात् फूट पड़ते हैं ,किंतु जब सोते हुये सुरक्षा वलों के जवानों पर इस्लामी आतंकवादियों द्वारा हमला करके उन्हें मार दिया जाता है तब उनके बहते हुये आँसू सूख जाते हैं।
