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वामपंथी चुटकुले

बात तब की है जब रशिया सोवियत संघ हुआ करता था और वहां कम्युनिस्टों का राज होता था।
मास्को के बाजार में दो परिचित मिले एक ने दूसरे से पूछा – क्या हालचाल है ?
दूसरे ने जवाब दिया – बहुत बढ़िया ।
पहले ने पूछा – आजकल अखबार पढ़ते हो ?
दूसरे ने कहा- हां भई, वरना मुझे कैसे पता चलता एक आदमी मास्कों के सड़को पर से चिल्लाते हुए जा रहा था –ख्रुश्चैव मूर्ख है ।
पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया फिर उसे 21 साल की जेल की सजा दी गई।इसमें से एक साल की सजा मानहानि के लिए थी तो बीस साल की सरकारी रहस्य को उजागर करने के लिए।
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मास्कों के एक कालेज में एक अतिथि लेक्चरर- सोवियत संघ की बढती समृद्धि और चीजों की बहुतायत –विषय पर भाषण देने आया ।
भाषण के बाद पिछली पंक्ति में बैठे रोबिनोविच ने उनसे सवाल किया –कामरेड आपका भाषण बहुत अच्छा था । लेकिन जब इतना मटन पैदा होता है तो चला कहां जाता है। दूसरे दिन वह अतिथि लेक्चरर सोवियत संध की बढ़ती समृद्धि पर दूसरा भाषण देने आया तो आखिरी पंक्ति में बैठे हेमोविच ने पूछा – कामरेड लेक्चरर मैं आपसे यह नहीं पूछूंगा कि मटन का कहां चला गया। मैं आपसे केवल यह जानना चाहता हूं कि रोविनोविच कहां चला गया।
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सोवियत संघ के राष्ट्रपति ब्रेजनेव की मां एक बार उनसे मिलने मास्कों आई । ब्रेजनेव उन्हें अपना आलीशान बंगला और वहां की चीजें दिखाने लगे।
वे बताने लगे – मां देखों यह मेरी कार,और ये रहा मेरा स्विमिंग पुल। फिर उन्होंने एक फोटोग्राफ दिखाया और कहा – देखो यह रहा मेरा दूसरा मकान। फिर बताया –यह रहा मेरा प्लेन।
फिर वह एक और फोटोग्राफ दिखा कर कहने लगे – यह रहा काले समुद्र में मेरा बंगला।और यह रही मेरी शानदार बोट।
यह सब देखकर उसकी मां आश्चर्यचकित रह गई। फिर बोली – तुमने बहुत तरक्की ब्रजनेव ।लेकिन मुझे तो डर केवल एक ही बात का है यदि फिर कम्युनिस्टों का शासन आ गया तो।
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सोवियत संघ की जेल में तीन मजदूर एक ही सेल में बंद थे । वे एक दूसरे से पूछ रहे थे कि उसे क्यों जेल में आना पड़ा।एक ने कहा - मैं हमेशा दस मिनिट देर से पहुंचता था तो इसलिए मुझ पर इल्जाम लगाया गया कि मैं काम को नुक्सान पहुंचा रहा हूं। दूसरे ने कहा –मैं अक्सर समय से दस मिनिट पहले पहुंचता था इसलिए मुझ पर आरोप लगाया गया – मैं जासूसी कर रहा हूं। तीसरे ने कहा –मैं हमेशा समय पर पहुंचता था सो मेरे पर आरोप लगाया गया कि मेरे पास अमेरिकी घड़ी है।
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अमेरिका, पौलैंड और सोवियत संघ के कुत्ते आपस में बाते कर रहे थे । अमेरिकी कुत्ते ने कहा –जहां में रहता हूं वह बहुत अच्छी जगह है । मैं अगर जोर-जोर से भौंकू तो वे मुझे मीट देते हैं। तो पोलैंड के कुत्ते ने पूछा – ये मीट क्या होता है ? इस पर सोवियत संघ के कुत्ता सवाल किया – ये भौकना क्या होता है ?
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सोवियत संघ के नेता ख्रुश्चैव चुटकुलेबाजों से बहुत नाराज रहते थे। एक बार वे बोले इन चुटकुले लिखनेवालों ने जीना हराम कर दिया है। हमेशा सरकार की मजाक उड़ाते रहते हैं ।और रोजाना नए-नए चुटकुले बन रह हैं। किसी एक चुटकुले लिखनेवाले को मेरे पास लेकर आओ। देखूं वे किस तरह चुटकुले लिखते हैं।
पुलिसवाले एक चुटकुले गढ़नेवाले को पकड़कर ले आए। चुटकुले गढ़नेवाले ने गेट से अंदर घुसने के बाद चारों तरफ देखा।
तो ख्रुश्चैव ने कडकती आवाज में पूछा – तुम क्या देख रहे हो।
चुटकुले गढ़नेवाले कहा- मैं देख रहा हूं ,आप बहुत खुशहाल जिंदगी जीते हैं।
इस पर ख्रुश्चैव ने कहा – तो क्या हुआ , बीस साल बाद हम कम्युनिज्म की उच्चतर अवस्था में पहुंच जाएंगे और तब हर रूसी इसी तरह की जिंदगी जीएगा।
हा,हा,हा, चुटकुले लिखनेवाले ने जोर से ठहाका लगाया और बोला – लो बन गया एक और चुटकुला।

(साभार)

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