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नगर निगम चुनाव में तीसरे स्थान पर रहने वाली कांग्रेस को साल 2015 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस बार 11 प्रतिशत ज्यादा वोट मिले हैं। वहीं, आम आदमी पार्टी का वोट प्रतिशत विधानसभा चुनाव के मुकाबले आधा रह गया है। नगर निगम चुनाव में 272 सीटों में से 181 सीट जीतने वाली भाजपा का वोट प्रतिशत पांच फीसदी तक बढ़ा है। साल 2015 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को मिले वोट का प्रतिशत 32.2 था।

विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रतिशत 9.7 प्रतिशत था। वहीं, एमसीडी चुनाव में यह प्रतिशत बढ़कर 21.28 हो गया है। आम आदमी पार्टी का वोट प्रतिशत विधानसभा चुनाव के मुकाबले 26 प्रतिशत कम हुआ है। पार्टी को विधानसभा चुनाव में 54.3 प्रतिशत वोट मिले थे। एमसीडी चुनाव का परिणाम यह दिखाता है कि लोगों ने आप सरकार के विरोध में वोट दिया है. वहीं, जनता ने 10 वर्षों से एमसीडी में सत्तारूढ़ भाजपा के समर्थन में वोट दिया है। 

2014 के विधानसभा चुनाव में 70 में 67 सीटें जीतकर आम आदमी पार्टी ने देशभर में राजनीतिक बदलाव का संदेश दिया था। लेकिन सत्ता संभालने के बाद पार्टी के नेताओं का असली चेहरा सामने आया तो लोगों को यह समझने में देर नही लगी कि आप भी अन्य पार्टियों की राह पर है। इन 26 महीनों में दिल्ली ही नही देशभर के लोगों में आप की कार्यशैली, नेताओं की बयानबाजी को लेकर काफी गुस्सा है। एमसीडी चुनाव नतीजे बताते हैं कि दिल्ली की जनता गुस्से में है। पार्टी ने अपनी कार्यशैली और केजरीवाल ने अपने बड़बोलेपन में बदलाव नही किया तो 2019 के चुनाव में पार्टी कुछ विधानसभा सीटों पर सिकुड़ कर रह जायेगी।

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