राष्ट्र को समर्पित पचास दिन मोदी जी के नाम भाग-14
40. " मोदी ! मोदी ! रटें ,दिखा जब फंदा कसता ।" 41. " इसको कहते 'हेजरी' , यह है नटवर लाल ।" 42. " वह घर रक्षित नहीं ,जहाँ आउल ही बोले ।"
40. " मोदी ! मोदी ! रटें ,दिखा जब फंदा कसता ।"
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"मोदी ने नोटबंदी से गरीबों को फँसा दिया । "
और ,
मोदी की योजना है कि ....
" ग़रीबों से पैसा खींचों और अमीरों को सींचो।''
. उलूक राज 'आउल' जी
" प्रॉक्सी प्रेसिडेंट ,आल इंडिया आउल कांग्रेस "
" पूर्व प्रॉक्सी प्रधानमंत्री , आउल सरकार ,भारत "
दिनौंधी से ग्रस्त 'आउल जी' घूम घूम कर चीख रहे हैं कि
मोदी ने नोटबंदी करके गरीबों को फंसा दिया है ।मैं हिन्दी अंग्रेजी के
नित्य समाचार पत्र पढ़ता हूँ मुझे अभी तक जितने भी छापे पड़े ,उनमें कोई भी
ग़रीब नहीं दिखा । वे सभी छापों से पीड़ित अभियुक्त ''आउल कांगेस के शासन
काल'' में जनमें ,पले और बढे हैं । आज तक इन्होंने ने यह नहीं बताया कि
हजारों करोड़ की सम्पत्ति जो स्वयं जमा की है ,वह किस व्यवसाय से इन्होंने
अर्जित की है ? दशाब्दियों से भारत की जनता का देशी ,विदेशी परिवारी जनों
और रिश्तेदारों तथा अन्य देशद्रोही राष्ट्रीय लुटेरों के साथ
निरन्तर जोंक बन कर खून चूसते रहे हैं ,वही आज "मोदी जैसे
कर्मयोगी संत पुरुष" पर गरीबों का खून चूसने ( खींचने ) का
मूर्खता और धूर्ततापूर्ण आरोप लगा रहे हैं ।
आज की पोस्ट इसी आधार भूमि पर रचित हुई है और अपने प्रबुद्ध मित्रों को प्रेषित है .....
"कसता 'फन्दा 'देख कर ,निकली इनकी जान ।
'नोट बन्द 'अभियान में , फँसे सभी 'श्रीमान् '।।
फँसे सभी श्रीमान् , जिन्हें यह रहे 'सींचते ' ।
पैसा ,'उसके स्रोत' ,जोंक बन रहे 'खींचते' ।।
सुनकर इनके 'बोल ',देश का जन जन हँसता ।
मोदी ! मोदी ! रटें , दिखा जब फन्दा कसता ।।"
और ,
"बोले 'आउल किंग' हैं ',निज स्वभाव - अनुरूप' ।
घोर अँधेरी को कहें ,उजली उजली धूप ।।
उजली उजली धूप , इन्हें बेहद खलती है ।
होते यह 'उद्विग्न ' , रात ज्यों ज्यों ढलती है ।।
इनकी 'चोर - प्रजाति ', निशा में सक्रिय डोले ।
जल्द धूप से करो ,मुक्त आउल जी बोले !! "
विशेष ....
'फन्दा' ... काले धन से सम्बंधित कठोर कार्यवाही ।
'श्रीमान् '... धनवान् ,पूंजीपति ।
'सींचते ' ....पोषित करते रहे ।
'खींचते '... सामान्य जन की धन सम्पत्ति को लूटते रहे।
'उसके स्रोत' ..देश के प्राकृतिक संसाधन कोयला आदि।
'उद्विग्न '... बेचैन ,परेशान ।
' बोल .'.... मूर्खता पूर्ण वक्तव्य ।
'चोर - प्रजाति.'. छद्म राष्ट्रीय लुटेरे ,लाखों करोड़ के
'घोटाले बाजों 'के नियोक्ता ,संरक्षक ,सहयोगी
और साझीदार ।
'निशा .'.. रात ।
41. " इसको कहते 'हेजरी' , यह है नटवर लाल ।"
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"नोटबंदी नरेन्द्र मोदी और अमित शाह की साजिश है ।"
"प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राहुल गांधी के मध्य नोटबंदी को लेकर डील हुई है ।"
" मोदी नें मुख्यमंत्री रहते दो पूंजीपतियों के घरानों से 40 करोड़ रिश्वत के लिए ।"
" धूर्तराज ( Mister Fraud )', 'जार शिरोमणि' ,'हेजरी वाल " के विभिन्न अवसरों दिये गए वक्तव्य और उन पर मेरी प्रतिक्रिया
" बौराया' दौड़ा फिरे ,रहे 'बजाता गाल ' ।
इसको कहते हेजरी ,यह है 'नटवर लाल '।।
'यह है नटवर लाल , नहीं ' वह भी है 'बौना '।
भोजन इसका झूठ , ओढ़ना झूठ बिछौना ।
'कुतिया' यदि दिख जाय ,'जार 'पीछे पड़ जाये।
उन सबका कुल- प्रमुख ,'स्वान' जितने बौराये।। "
"कुत्ता कुछ एकत्र कर ,खड़ा किया दल 'आप' ।
इनके सबके हैं रहे , चीन -पाक में बाप ।।
चीन - पाक में बाप , 'नस्ल -संकर ' ये सारे ।
कहते करते जोकि , ' वहाँ से' मिलें इशारे।।
सड़ी सियासत से , जन्मा यह 'कूकुरमुत्ता' ।
मोदी से यह डरा , भौंकता रहता कुत्ता ।।"
विशेष .....
' बौराया '....पागल (कुत्ता )
'बजाता गाल' ....गाल बजाता ,वकवास करना ,
बहुत अधिक निरर्थक वक्तव्य देते रहना ।
'नटवर लाल' ... सातवें आठवें दशक में अपराध
जगत का सर्वाधिक कुख्यात ठग ,जो अनेक
ठगी के अपराध करते हुये भी प्रायः
कभी पकड़ा नहीं जा सका । जो अपने काले
कारनामों के लिये राष्ट्रीय स्तर पर सर्वाधिक
चर्चित हुआ और 'छल फ़रेब ठगी' का मूर्तरूप
बन गया और एक मुहावरे के रूप में कुख्यात
रहा है ।
' बौना ' ....आशय है कि हेजरीवाल के सामने वह भी
बौना सिद्ध हो रहा है। यह उससे भी बड़ा ठग
बन चुका है ।
'कुतिया '... संस्कृत के 'कुत्रिया ' से हिन्दी में 'उच्चारण
सौकार्य ' से कुतिया बना ।जिसका अर्थ हुआ
भ्रष्ट 'चरित्र हीन 'स्त्री ।
रूढ़ि अर्थ में प्रचलित अर्थ में कुत्ता का स्त्री लिंग
'कुतिया' ।
'स्वान '.....कुत्ता ।
'आप '..... अपराधवादी अराजक पार्टी ।
'नस्ल संकर' ...दो भिन्न नस्ल के नर मादा के संयोग से
जन्मी सन्तान ,नकारात्मक अर्थ में ।
'कूकुरमुत्ता' ... सामान्यतः इसे 'कुकुरमुत्ता' भी कहा
जाता है । यह प्रायः गाँवों में सड़े हुये कूड़े
के ढेर ,कुत्ते मूत्र आदि का विसर्जन करते
रहते हैं ,वहीँ उस सड़ांध में उगता रहता है ।
वैसे कूकुर और मुत्ता दो शब्दों से बना
सामासिक शब्द है ।जिसका अर्थ निकलता
है कूकुर (कुत्ता) मूत्र अर्थात् वीर्य से जन्मा
'पिल्ला' ।
' वहाँ से '.....चीन और पाकिस्तान से ।
' इशारे ' .....संकेतात्मक आदेश ।
' जार '..... व्यभिचारी ।
'हेजरी '.... हिजड़ा , कायर किन्तु अनुचित मांगे न माने
जाने पर धरना दे कर बैठ जाना और कपड़े फेंक
कर नंगा हो जाना ।
42. " वह घर रक्षित नहीं ,जहाँ आउल ही बोले ।"
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"सहारा समूह और बिड़ला ग्रुप से तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को मिले थे पैसे । इसकी स्वतंत्र जाँच होनी चाहिये ।" ... उलूक राज आउल जी ,अघोषित अध्यक्ष आउल कांगेस
"प्रधानमंत्री गंगा की तरह पवित्र हैं ।जबकि स्वयं राहुल पांच हजार करोड़ के घोटाले में बेल (जमानत ) पर बाहर हैं ।"........ रवि शंकर प्रसाद ,केन्द्रीय कानून मन्त्री
"प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर (राहुल ने )वही घिसे पिटे आरोप लगाये, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट भी ख़ारिज कर चुका है । "दैनिक जागरण दिनान्क ,22.12.2016"
उपर्युक्त वक्तव्यों और प्रधानमंत्री 'नरेन्द्र मोदी 'एवं 'आउल जी' के पूर्व ज्ञात आचरण को ध्यान में रखते हुये मेरी आज की पोस्ट अपने मित्रों को प्रेषित है .....
"बोले 'आउल' हैं पुनः ,अधिक लगाकर जोर ।
बहुत बड़े बेइमान हैं , मोदी रिश्वत --खोर ।।
मोदी रिश्वत --खोर , कह रहे उल्लू - राजा ।
'बासी' सब आरोप ,कहें यह जिनको ताजा ।।
दिन को कहते रात , छुरछुरी को बम - गोले ।
'उलटी इनकी दृष्टि' , सदा उलटा ही बोले ।।"
बोले है आउल अधिक , लोग करें सन्देह ।
बार बार बोला जहाँ ,'उजड़ गया ' वह गेह ।।
उजड़ गया वह गेह , मिट गये सब घरवाले ।
उत्सव होते रहे , वहाँ अब दीखें ताले ।।
'चमगादर ' सब संग , नहीं कोई मुँह खोले ।
वह घर रक्षित नहीं , जहाँ आउल ही बोले ।।
विशेष .....
'आउल' .. .उलूक ,उल्लू ।
' बासी .'...पुराने ,घिसे पिटे ( आरोप) ।
' उलटी दृष्टि '..उल्लू ऐसा पक्षी है जिसे रात में ही दिखाई
देता है और दिन में अंधा हो जाता है अर्थात्
सामान्य प्राणियों से उसकी दृष्टि उलटी होती है ।
' उजड़ गया '...भारत के जन सामान्य में यह मान्यता और
धारणा व्याप्त है कि उल्लू जिस घर में अधिक
बोलता है ,वह घर बहुत शीघ्र उजड़ जाता है ।
उल्लू का बार बार बोलना बहुत बड़ा 'अपशकुन '
माना जाता है ।
'चमगादर '...चमगादर भी कुछ उल्लू से ही मिलतीजुलती
पक्षियों की जाति है।उसको भी रात में हीं
दीखता है ।एक समझ उसके साथ और जुड़ी
है कि वह निद्रा की अवस्था में किसी शाखा
आदि के आश्रय से उलटा लटका रहता है ।
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