गंगा ढाबा जेएनयू कैंपस - कॉमरेडों की क्रांति - लाइव
दृश्य - एक ..स्थान - गंगा ढाबा जेएनयू कैंपस ........ 40-45 साल का एक अधेड़ आयु का छात्र ........ लंबे बाल बेतरतीब बिखरे ....... झाड़ू के सिंक सी दाढ़ी जिसमें सफेद बाल करीब 60% ....... आँखों के नीचे ब्लैक डार्क शेड धब्बे और चेहरे पे झुर्रियां ....... गम्भीर मुद्रा में ध्यान मग्न बैठा रहता है ...
दृश्य - एक
स्थान - गंगा ढाबा जेएनयू कैंपस ........
40-45 साल का एक अधेड़ आयु का छात्र ........ लंबे बाल बेतरतीब बिखरे ....... झाड़ू के सिंक सी दाढ़ी जिसमें सफेद बाल करीब 60% ....... आँखों के नीचे ब्लैक डार्क शेड धब्बे और चेहरे पे झुर्रियां ....... गम्भीर मुद्रा में ध्यान मग्न बैठा रहता है ........
तभी करीब 10-12 की संख्या में उसके साथियों ........ पुरुष और महिला कॉमरेड/कॉमरेडियन का आगमन होता है ........ वो सब आ के उस अधेड़ आयु के कॉमरेड को संबोधित करते हैं ........
सामूहिक स्वर - लाल सलाम साथी ........ लाल सलाम .......
अधेड़ कॉमरेड - लालम लाल सलाम साथियों कैसे हो ?? ........
सामूहिक स्वर कॉमरेडों का - ठीक नहीं है गुरूजी ......... अब क्या बतायें आप से क्या छुपा है ........
अधेड़ कॉमरेड - हां देश के हालात काफी विचित्र है ........
एक कॉमरेड - हमारी अभिव्यक्ति की आज़ादी का गला घोंटा जा रहा है ........
दूजी कॉमरेडनी - फासिस्ट है ये लो एक 20 साल की मासूम लड़की की अभिव्यक्ति की आज़ादी का गला घोंट रहे हैं ........
तीसरा कॉमरेड - सब बीजेपी आईटी सेल के ऑनलाइन गुंडे हैं .......
चौथी कॉमरेडनी - ये सब मोदी और शाह की शह पे पल रहे हैं ........
पांचवा कॉमरेड - एक शहीद की बेटी को बलात्कार की धमकी दे रहे हैं ........ बास्टर्ड संघी पीपल ........
छवीं कॉमरेडनी - हम ले के रहेंगे आज़ादी ........ हम लड़ के लेंगे आज़ादी ........ हम हक़ से लेंगे आज़ादी ........
सातवां कॉमरेड - अरे कश्मीर मांगे आज़ादी ........ बस्तर मांगे आज़ादी ........
आठवां कॉमरेड - अफ़ज़ल हम शर्मिंदा है तेरे कातिल ज़िंदा है ........
सामूहिक स्वर - लाल सलाम ........ लाल सलाम .......
महिला कॉमरेडनी - गुरुदेव आप काफी चिंतित प्रतीत हो रहे हैं ........ क्या बात है ........
अधेड़ कॉमरेड - अभिव्यक्ति की आज़ादी का गला घोंट रहे हैं ........ एबीवीपी वाले और ऑनलाइन संघी गुंडे भक्त ........ मुझे गालियां धमकियां दे रहे हैं ........ लेकिन डरूंगा नहीं ........
सामूहिक स्वर - जंग रहेगी ...... जंग रहेगी ....... ताना शाही के खिलाफ ........ सामंतशाही के खिलाफ ....... हिटलर शाही के खिलाफ ........
भारत तेरे टुकड़े होंगे इंशाहल्लाह ........ इंशाहल्लाह
★★★★★★★
दृश्य - दो
स्थान - गंगा ढाबे के बाहर की लॉबी और खुला प्रांगण ........
एबीवीपी के कुछ देशभक्त और गबरू लौंडे देश विरोधी नारों की आवाज़ें सुनते हैं ........ तत्काल कॉल और मैसेज कर के अपने साथियों को बुलाते हैं ........
कुछ देर बाद ........
दे लात ........ दे चप्पल ........ दे घुसा ....... धड़ाम ....... भड़ाम ....... धाय ....... मारो ....... पेलो ....... पीटो .......
भारत माता की जय ........
इसको पकड़ो ........ वो भाग रहा है उसको पकड़ो ....... पेलो ........ दे लात ....... भाई तू इसको संभाल मैं उसको ........ ढिशुम ....... धाय ........
★★★★★★★
दृश्य - तीन
स्थान - गंगा ढाबे के बाहर का प्रांगण ........
एबीवीपी के कुशल और जुझारू कार्यकर्ता अपना काम कर के जा चुके थे ........
पीछे सिर्फ गूंज रही थी चीखें ........ चीत्कारें ........
मार डाला रे ........ हाय अल्लाह तोड़ डाला ........ पेल डाला ........ मेरा चश्मा कहाँ है ........ भाई मेरी एक चप्पल नहीं मिल रही ........ आहहहहह ........ उहहहहहह ........ आऊचच्च्च ........
★★★★★★★
दृश्य - चार
स्थान - गंगा ढाबा ........
अधेड़ कॉमरेड की तशरीफ़ शायद ज्यादा लाल हुई थी एक कोने में पड़ा कराह रहा था ......... पास खड़ी एक 20 साल की कॉमरेडनी उसको सहारा दे के खड़ा करती है ........ और उसे कंधे पे हाथ टिका के कैंपस में बने उसके हॉस्टल की तरफ ले जाती है .........
★★★★★★★
दृश्य - पांच
स्थान - अधेड़ कॉमरेड के हॉस्टल का कमरा ........
अधेड़ कॉमरेड अपनी अलमारी खोलता है और उसमें से किराँति का असलाह निकालता है ........ असलाह मन्ने वोडका का हॉफ़.. निरोध का पैकेट.. और मस्तराम का साहित्य ........ दो पैग बनाता है और एक में एक बेहोशी की गोली मिला देता है .........
अधेड़ कॉमरेड - लो सखी ये पीओ घाव भर जायेंगे ........
कॉमरेडनी - ये क्या है ?? ........
अधेड़ कॉमरेड - ये किराँति पेय है ........ तुमको नाम रोशन करना है ना अपना ........ नेता बनना है ना ........ जब तक किराँति नहीं करोगी ........ एक बेहतर नेता और कॉमरेड कैसे बनोगी ........ लाल सलाम सखी ........
कॉमरेडनी एक सांस में पूरा पैग निगलते हुए - लाल सलाम सखा ........
★★★★★★★
अगले दिन सुबह .........
कॉमरेडनी नींद से जगती है तो सर हल्का हल्का घूमता है ........ कपड़े और अंतवस्त्र कोने में पड़े रहते हैं ........ पास अधेड़ कॉमरेड नशे में धुत पड़ा रहता है ........
कॉमरेडनी - हाय मैं लूट गयी ........ हाय में बर्बाद हो गयी ........ मैं मासूम ........ मैं मासूम ........ मैं अबला ........ मैं शहीद की बेटी ........ हे भगवान ये क्या हो गया मेरे साथ ........
हो गयी किराँति !!!! ........