ज़ी-न्यूज मकर संक्रांति स्पेशल, सुधीर चौधरी द्वारा - व्यंग्य
यहाँ अपने दर्शकों को ये भी बता दूं कि आपको यहाँ मैं बधाई दे रहा हूँ लेकिन हमारा राष्ट्रवादी चैनल अपने जवानों को नहीं भूला और अपने प्यारे जवानों को बधाई देने के लिए अपने ख़ास जांबाज रिपोर्टर राहुल सिन्हा को सियाचिन के बर्फीले शिखर पर भेजा है.....ओवर टू यू राहुल...
ज़ी-न्यूज मकर संक्रांति स्पेशल...
सुधीर चौधरी – साथियों आज मकर सक्रांति है......इसे यूं भी कहा जा सकता है कि आज तिलकुट है...या हमारे दर्शक इसे यूं भी समझ सकते हैं कि आज खिचड़ी संक्रांत है.......वैसे दोस्तों बधाई तो सीमा पर खड़े उन जवानों को पहले दी जानी चाहिए जो हमारी रक्षा में वहाँ डटे तो हैं लेकिन उन्हें आज के दिन ना तो तिल के लड्डू खाने को मिलते हैं,ना गुड़पापड़ी और ना ही घी से भरी खिचड़ी.....आपको बधाई देने से पहले मेरे मन में सवाल आया कि क्या हमारा समाज जीवन जीने के लिए इतना सहज और सुरक्षित हो चुका है कि हम निर्भीक होकर कोई त्यौहार मना सकें....और अगर हो गया है तो इसका श्रेय सीमा पर खड़े हमारे उन जांबाज सिपाहियों को जाता है.....आपको बधाई देने से पहले मैंने अपने प्रधानमत्री श्री नरेन्द्र मोदी और हमारे मेंटर एस्सेल ग्रुप के चेयरमैन और राज्य सभा सांसद डॉ श्री सुभाष चन्द्र से इजाजत ली और आपको शुभकामनाएं देने के लिए DNA का ये ख़ास एपिसोड आयोजित किया.....वैसे दोस्तों अगर तिल के लड्डू,गुड़पापड़ी या ख़ास खिचड़ी को बनाने को लेकर आपके मन में कोई भी सवाल हो तो आप रविवार के दिन हमारे मार्गदर्शक एस्सेल ग्रुप के चेयरमैन और राज्य सभा सांसद डॉ श्री सुभाष चंद्रा जी के ख़ास प्रोग्राम में अपने सवाल पूछ सकते हैं....उनके मार्गदर्शन से आगे बढे आज न जाने कितने ही हलवाई लाखों छाप रहे हैं.....मैं यहाँ अपने दर्शकों को ये भी बता दूं कि आपको यहाँ मैं बधाई दे रहा हूँ लेकिन हमारा राष्ट्रवादी चैनल अपने जवानों को नहीं भूला और अपने प्यारे जवानों को बधाई देने के लिए अपने ख़ास जांबाज रिपोर्टर राहुल सिन्हा को सियाचिन के बर्फीले शिखर पर भेजा है.....ओवर टू यू राहुल....
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राहुल सिन्हा – दोस्तों जैसा कि आप देख सकते हैं यहाँ जिस चोटी पर मैं खड़ा हूँ वहां से दूर-दूर तक इंसानी बस्ती के कोई निशान नज़र नहीं आते....मेरे मुंह से निकलती भाप से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यहाँ कितनी ठण्ड है......आज मकर संक्रांति है और सुधीर और उस दढ़ियल ने कहा कि हमारे दर्शकों को ख़ास प्रोग्राम के तहत बधाई दी जाए सो उन्होंने मुझे यहाँ समुद्र तल से १२००० मीटर ऊंची इस चोटी पर भेजा है ताकि मैं यहाँ से आपको जी न्यूज के जांबाज सिपाही वाली फीलिंग के साथ बधाई दे सकूं....अभी मेरे मोबाइल में व्हाट्स ऐप पर मेरे दूसरे जांबाज साथी रिपोर्टर कृष्णमोहन मिश्रा ने ज़ी स्टूडियो का एक वीडिओ भेजा है....ये वीडिओ मैं आपको दिखा रहा हूँ....इसमें आप देख सकते हैं की कैसे वो कमीना सुधीर मुझे यहाँ भेज खुद वहाँ ए सी स्टूडियो में बैठ रेबडी और लड्डुओं के आनंद ले रहा है.....आप उसके दांतों से लड्डू तोड़ने की आवाज़ साफ़-साफ़ सुन सकते हैं...भगवान् से इस वक़्त यही मन्नत मांग रहा हूँ कि बस किसी लड्डू में कंकड़ निकल आये और उसके दाढ़ के सारे दांत टूट जाएँ......मुझे यहाँ भेज कमीना वहाँ मौज मार रहा है.....सारे जवान अपने अपने कैम्पों में त्यौहार मना रहे हैं....कोई अन्दर नहीं जाने दे रहा...हैलीकॉप्टर भी वापस जा चुका है...पांच घंटे में वापस आयेगा....तब तक मुझे यहीं मरना है.....कीड़े पड़ें सुधीर तुझे.....