राष्ट्र को समर्पित पचास दिन मोदी जी के नाम भाग-7
19. " बोले फ़ारुख़ पाक का ,है कश्मीर गुलाम " 20. "जनता खुश कुछ अधिक ,कर रही भारत -वन्दन । " 21. " ख़तरनाक यह अधिक , हुई है सेकुलर रज़िया । "
19. " बोले फ़ारुख़ पाक का ,है कश्मीर गुलाम "
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"भारत के बाप का नहीं 'पाक अधिकृत कश्मीर '( पी ओ के )
भारत में हिम्मत नहीं है कि वह उसे पाकिस्तान से अलग कर सके "
............जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारुख़ अब्दुल्ला
" मुसलमान बनते ही व्यक्ति की राष्ट्रीयता बदल जाती है ,नहीं
तो मैं मुसलमान बन जाता ।" .............. बाबा साहब डॉ भीम राव अम्बेडकर
द्वितीय वक्तव्य की प्रथम वक्तव्य पूर्णरूपेण पुष्टि करता
है । अर्थात् कतिपय अपवादों को किनारे कर दें तो मुसलमान पहले मुसलमान है
और इस्लामवादी है वह चाहे कश्मीर का हो ,हैदराबाद का हो ,रामपुर का हो
अथवा अमरीका ,ब्रिटेन ,फ़्रांस आदि किसी देश का जन्मजात नागरिक हो ,उसे
संवन्धित प्रान्त अथवा राष्ट्र् की राष्ट्रीयता नहीँ स्वीकार है ,क्योंकि
उनका यह स्थाई सार्वकालिक और सार्वदेशिक अपरिवर्तित सोच है कि
'राष्ट्र्वाद को अंगीकृत करते ही इस्लाम ख़तरे में पड़ जायेगा ' ।
जहाँ
यह सम्पूर्ण विश्व को इस्लामीकृत करने का अपरिवर्तनीय सोच अभी तक इस्लाम
के वैश्विक विस्तार में ताकत रहा है ,किन्तु अब यही सोच मुसलमानों की सबसे
बड़ी कमजोरी बनता जा है ।
अमरीका में हिलैरी की हार और एक सर्वथा अविख्यात व्यक्ति डोनाल्ड ट्रम्प के चुनाव जीतने का कारण केवल और केवल
पूरे वैश्विक मुस्लिम समुदाय का मजहबी आधार पर ट्रम्प का एकजुट विरोध ।
क्रिया की प्रतिक्रिया प्रकृति का अपरिहार्य नियम है ।अतः अब क्रिया (
इस्लामीकरण के वैश्विक अभियान ) की प्रतिक्रिया प्रारम्भ हो चुकी है । इसका
एक ही शांतिपूर्ण समाधान
है वह यह कि अन्य पांथिक समुदायों की भांति मुसलमान बने रहते हुये सभी राष्ट्रों के मुसलमान अपने अपने देश की राष्ट्रीयता
हृदय से स्वीकार कर लें ,किन्तु फ़ारुख़ अब्दुल्ला के वक्तव्य से
बाबा साहब के मत की ही पुष्टि हो रही है । मुसलमान फ़िलहाल अभी भी
राष्ट्रवाद को किसी भी कीमत पर स्वीकार करने को तैयार नहीं है । ख़ैर अब
और अधिक विस्तार में न जाकर इस विषय को यहीं छोड़ कर आगे बढ़ते हैं ।
इसी वैचारिक पृष्ठभूमि में फ़ारुख़ अब्दुल्ला के वक्तव्य पर
मेरी प्रतिक्रिया प्रस्तुत है .......
" बोले ' फ़ारुख़ ' पाक का ,है 'कश्मीर गुलाम ' ।
वापस उसका मांगना , नहीं हिन्द का काम ।।
नहीं हिन्द का काम ,व्यर्थ में टांग अड़ाये ।
क्योंकि नहीं है शक्ति ,उसे वापस ले पाये ।।
जन्मजात गद्दार , जहर ' युवजन ' में घोले ।
यह 'सेकुलर नापाक ', शत्रु के स्वर में बोले ।।"
विशेष ....
'फ़ारुख़' ...जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारुख़अब्दुल्ला
'कश्मीर गुलाम '....भारत की भाषा में पाकिस्तान द्वारा
अनैतिक अवैध रूप से कब्जा किया गया एक
एक तिहाई 'गुलाम कश्मीर' ,किन्तु पाकिस्तान
और फ़ारुख़ जैसे 'गद्दार सेकुलरवादियों 'की
भाषा में 'आज़ाद कश्मीर' ।
'युवजन '..... देश का युवा समुदाय ।
' सेकुलर नापाक' ....दिग्गी ,हेजरी , रोनिया जी के लाड़ले
दत्तक पुत्र मुर्शीद वालम खान , अमता ,भालू
फ़ारुख़ अब्दुल्ला आदि ,जिन्हें भारत और
भारतीयता की चर्चा मात्र से शॉक लग जाता है ।
इनका और पाकिस्तान का सामूहिक स्वर मोदी
और भारत के विरोध में सदैव समान रहता है ।
ये सभी प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से
हर मुद्दे पर पाकिस्तान के पक्ष में खड़े नजर
आते हैंस्वयं को समय समय पर' सेकुलर' घोषित
करते रहते हैं । सेकुलर का एक सूत्र में अर्थ जो
देश में व्यवहृत है वह यह कि ''हिन्दू ,हिंदुस्तान
का विरोध और इस्लाम ,इस्लामिस्तान का अन्ध
समर्थन ''।
20. "जनता खुश कुछ अधिक ,कर रही भारत -वन्दन । "
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. "भारत-बन्द के आह्वान पर सहज प्रतिक्रिया ।"
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" भारत -वन्दन ' की जगह , करते 'भारत बन्द' ।
मुद्रा -बन्दी से दुखी ,करें सभी छल-छन्द ।।
करें सभी 'छल-छन्द ', खुल गए सबके आगे।
चोर लुटेरे ' दस्यु ' , पाक के दास अभागे ।।
' मोदी मोदी हाय , हाय ' करते सब क्रन्दन।
जनता खुश कुछ अधिक,कर रही 'भारत -वन्दन।।"
विशेष .......
'छल -छन्द '... जनहित के नाम पर काला धन सफ़ेद करने
के लिये संयुक्त विपक्ष द्वारा किये जाने वाले
दाँव पेच और धूर्तता पूर्ण प्रपञ्च ।
' दस्यु .'..... डकैत
'क्रन्दन '......रुदन ,विलाप ,अकूत काला धन नष्ट होने के
सम्भावित ख़तरे से रोना- धोना
'भारत-वन्दन' ...भारत की वंदना करना ,'वन्दे मातरम् ',भारत
माता' की जय आदि के नारे लगाना ।
21. " ख़तरनाक यह अधिक , हुई है सेकुलर रज़िया । "
................................................................................. भारत के गुलामी के काल में कुछ समय के लिये इस्लामी राज्य की प्रमुख रज़िया बेगम नाम की मुस्लिम महिला
का शासन रहा है ।आज वंगाल में इस्लामी आतंकवादियों
ने जिस प्रकार का संपूर्ण व्यवस्था पर कब्जा किया हुआ है ।उससे ऐसा
प्रतीत होता है कि वंगाल भारत का राज्य नहीं, अपितु यह एक स्वतंत्र
इस्लामी राज्य है ,जिसकी शासक आज की धर्म निरपेक्ष भाषा में सेकुलर रज़िया
बेगम बन चुकी है ।
पिछली पोस्ट के क्रम में यह पोस्ट रचित हुई है ।
"रज़िया बेगम का रहा ,कभी हिन्द में राज ।
आज पुनः वंगाल में , उसका दिखे कुराज ।।
उसका दिखे कुराज ,हिन्दुजन दलित दमित हैं ।
आतंकी स्वच्छन्द , आमजन 'भीत' नमित हैं ।।
इस्लामीकृत किये ,राज्य को अमता 'बजिया '।
ख़तरनाक है अधिक ,हो गई 'सेकुलर रज़िया '।।"
विशेष ..
भीत ...डरे हुये ।
'नमित '.... जान माल के लिये उत्पन्न ख़तरे से अत्यधिक
भयभीत समर्पण की मुद्रा में ।
'अमता' ....पूर्व में अर्थ किया जा चुका ही ।
'बजिया '... इस्लामी भाषा में दीदी का पर्याय। ,वंगला में
दीदी को मात्र 'दी ' कहा जाता है ।
'सेकुलर .'... भारत और भारतीयता की शत्रु , पूर्व की
पोस्ट्स में अर्थ किया जा चुका है ।
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