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"अखिलेश यादव की भीष्म प्रतिज्ञा "
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" कभी नहीं बनने दूँगा राम मन्दिर ।"  ......"अखिलेश यादव "

"मुसलमानों का भरोसा जीतने के लिए हिन्दुओं पर गोलियाँ चलवाना ज़रूरी था ।"  ............."मुलायमसिंह यादव "

उक्त दोनों वक्तव्य बहुत ही सोच समझ कर मुस्लिम मतों को सपा के पक्ष में उत्तर प्रदेश के चुनावों में एकजुट करने के लिए दिए गए हैं ।मुलायमसिंह सिंह तो पहले भी अनेक अवसरों उक्त वक्तव्य देते रहे हैं ,किन्तु अखिलेश से ऐसे वक्तव्य की अपेक्षा
नहीं थी । देखिये उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और सपा का गठजोड़
मात्र 2017 के चनावों तक ही सीमित नहीं है । इस गठजोड़ की
इबारत तो 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए लिखी गई है और उसका एजेण्डा भी मुस्लिम कठमुल्लों द्वारा तैयार किया गया है ।और यह गठबंधन भी मुसलमानों के दबाव में ही तैयार किया गया है । 2019 के एजेण्डा का मुख्य लक्ष्य देश के इस्लामी करण
की प्रक्रिया को और तीव्र करना ।उसके लिए यदि संविधानसंशोधन भी करना पड़ेगा तो वह भी किया जायेगा ,क्योंकि इस्लामीकरण के मुद्दे पर बीजेपी छोड़ कर सभी सेकुलर
दलों का समर्थन प्राप्त है और इसके लिए पहले भी संविधान में
संशोधन किये जा चुके हैं ।यहाँ तक कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय भी पूर्व की सेकुलर सरकारोँ द्वारा मुसलमानों की इस्लामी मांगों के
के अनुरूप संसद् में पलटे जा चुके हैं ।
इस समय उत्तर प्रदेश के चुनाव में सेकुलर गठजोड़ की एक ही रणनीति है कि मुसलमानों को मजहबी एजेण्डा के आधार पर शतप्रतिशत एकजुट करना और हिंदुओं में जातीय जहर पैदा करके उनके जातीय टुकड़े करके उनमें से कुछ टुकड़ों को' "मुस्लिम वादव" गठजोड़ में पैसा, पद का लालच देकर संलग्न करके 2012 के विधानसभा के चुनाव के परिणाम की पुनरावृत्ति करना ।
आगामी चुनावों के परिणाम यदि अनुकूल रहे तो कबिनेट की पहली मीटिंग में ही राम मंदिर की जमीन को पूरे तौर से कब्ज़ा
करके रामजन्मभूमि पर बाबरी मस्जिद का निर्माण करना रहेगा ,
यदि इसके लिए दो चार लाख हिंदुओं की हत्या करनी पड़ेगी तो
वह भी की जाये गी मुसलमानों का वोट आगामी राजनीति के लिए और पक्का हो जायेगा ।
चुनाव आयोग की कार्य शैली समझ से परे है एक ओर वह हिन्दू नेताओं पर इकतरफा कार्यवाही कर रहा है ,dusri ओर सेकुलर दलों का भाषण खुलेआम मुसलमानों को पुरे समाज से अलग थलग करके एकजुट करने के लिए चल रहा है । उसका वह संज्ञान तक लेने के लिए तैयार नहीं है ।
कल्पना करें कि यदि बीजेपी के किसी छुटभैया नेता द्वारा यह प्रतिक्रिया में ही यह वक्तव्य आ जाय कि
" हिंदुओं को भारत विभाजन से लेकर अब तक बहुत उत्पीड़ित किया गया है अतः भविष्य में उनका विश्वास जीतने के लिए यदि आवश्यक होगा तो मुसलमानों पर गोली चलवाई जायेगी । शायद उसी दिन देश में वह भूचाल आ जायेगा कि चुनाव आयोग द्वारा अविलम्ब मान्यता ही बीजेपी की ख़त्म कर दी जाये गी ।"
ऐसा लगता है कि भारतीय संविधान में मुसलमानों की तुलना मे हिंदुओं को समस्त मौलिक अधिकारों से वंचित कर दिया गया ।इस
पर विस्तार से चर्चा किसी दूसरे अवसर पर की जायेगी ,यहाँ पर
पूर्व प्रधानमंत्री का वह बयान सटीक और सार्थक प्रतीत हो रहा है जिसमे उन्होंने घोषणा की थी कि .....
"इस देश के संसाधनों पर मुसलमानों का प्रथम अधिकार है । "
............ "पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह "
"प्रथम अधिकार का अर्थ व्यावहारिक रूप में सर्वाधिकार ," क्योंकि द्वितीय अधिकार की बारी तो तब आती है ,जब प्रथम अधिकार वाले अनुपस्थित हो जायें । मुसलमान कोई भारत से
अनुपस्थित होने वाले तो हैं नहीं । यहाँ यह विशेष रूप से ध्यान देने की बात है कि इस वयान का किसी भी स्तर पर अब तक खंडन नहीं किया गया है और न ही किसी सक्षम न्यायालय द्वारा
इसका नोटिस ही लिया गया है ।
आज की पोस्ट बाप बेटा के उक्त वक्तव्यों को ध्यान में रखते हुये प्रस्तुत की जा रही है.....

"असली' मैं निज बाप का , राम न 'मम' आदर्श ।
बाबर मेरे ' पूज्य' हैं , मस्जिद रही ' विमर्श '।।
मस्जिद रही विमर्श , न मन्दिर बनने दूँगा ।
निर्मित मस्जिद पुनः , करूँगा 'बदला ' लूँगा।।
बन न सकी थी तभी , 'राव ' थे सेकुलर नकली ।
'प्रण ' पूरा मैं करूँ , रहा मैं बेटा असली ।।"

"नेता जी यों कह गए , एक 'पते की बात '।
मुस्लिम मत की शर्त है , हिन्दुजनों का ' घात '।।
हिन्दुजनों का घात , किये गोली चलवाये ।
मुल्लों का विश्वास , तभी अर्जित कर पाये ।।
मुझको ' मुल्ला' कहें , रहें कहते सब 'काजी '।
'मुस्लिम--यादव ' जोड़ , बन गया मैं 'नेता जी '।।
विशेष .....
'असली बाप का' ..... कहावत , पिता के अधूरे कार्य करने
करने के संकल्प की ध्वनि ।
'मम .'....मेरे , संस्कृत ।
'पूज्य '... सपा सहित सभी सेकुलर दल बाबर को विदेशी
हमला वर लुटेरा नहीं मानते , वे उसे भारत में "महान्
मुग़ल साम्राज्य "के संस्थापक के रूप में राम की
तुलना में अधिक आदरणीय मानते हैं ।इसीलिये राम
जन्म भूमि पर बाबरी मस्जिद के पुनर्निर्माण के लिए
दृढ प्रतिज्ञ हैँ । असलियत तो यह है कि वे राम के
अस्तित्व को ही अस्वीकार करते हैं ।ऐसा एक हलफ़
नामा भी ये मनमोहन की सरकार ,जिसको सपा का
भी समर्थन प्राप्त था , द्वारा भारत के सर्वोच्च
न्यायालय में दायर किया जा चुका है ।
' विमर्श ..'......सरोकार ।
' मुल्ला..'..... हिंदुओं को गोली से हत्या कराने के बाद से उनको
मुल्ला मुलायम और मौलाना मुलायम कहा जाता है।
'काजी '.....जब से मुलायम ने मुसलमानों की चार शादी , तीन,
तलाक ,हलाला का समर्थन किया है तब से उनके
साथ काजी का विशेषण भी जुड़ गया है ।
मुलायम सिंह इन विशेषणों से अधिक प्रसन्न
होते हैं क्योंकि मुल्ला ,काजी आदि के प्रचार से उनका
मुसलमानों का वोट और अधिक पक्का होता है ।
' राव '..मस्जिद ढांचा गिराये जाते समय कांग्रेस के प्रधानमंत्री श्री नरसिंह राव
,कारसेवकों पर गोलियाँ न चलवाने के कारण सपा
सहित सभी सेकुलर दल उन्हें 'नकली ' सेकुलर
कह कर उनकी निंदा करते हैं । सोनिया गांधी तो उनके शव के अन्तिम संस्कार के दिल्ली में UP A की सरकार ने जगह तक नहीं दी ।
'प्रण '... जन्मभूमि पर पुनः बाबरी मस्जिद बनाने की प्रतिज्ञा।
'मुस्लिम- यादव जोड़ .'.... उत्तर प्रदेश में मुस्लिम यादव का
जोड़ 30 % वोट का बनता है । 5 % के इधर उधर हो
जाने पर पैसा ,पद ,बेरोजगारी भत्ता आदि का लालच
देकर उतने वोटों का जुगाड़ बन जाता है । अतएव गत
विधानसभा 2012 में मात्र 29. 12% वोट पाकर ही
सपा 221 सीटें पाकर ही पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने
में सफल हो गई थी । लोकसभा 2014 में गैर MY
जातीय समुदायों में तीव्र प्रतिक्रिया के चलते सपा 30.5
वोट पाकर भी 5 परिवार की सीटों तक इसलिये सिमट
गई ,क्योंकि शेष जातियों ने एकजुट होकर MYगठजोड़ के विरोध में
वोट कर दिया जोकि 42 % त पहुँच गया था ।
'पते की बात '. गूढ़ रहस्य ।
"घात..'....हत्या , सभी प्रकार का उत्पीड़न ।

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